Home >>Muslim News

Fatwa against Deforestation: हरे पेड़ काटने और फसल जलाने पर फतवा; पहली बार फतवे की हो रही तारीफ!

Fatwa against Deforestation: हाल ही में एक शख्स ने पेड़ काटने और पौधों को जलाने के ताल्लुक से इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (ICI) से राय मांगी थी. इस पर ICI ने कहा कि इस्लाम में हरे पेड़ काटना और पौधों को जलाना गलत है. इसके बाद इस फतवे की लोग तारीफ कर रहे हैं. 

Advertisement
Fatwa against Deforestation: हरे पेड़ काटने और फसल जलाने पर फतवा; पहली बार फतवे की हो रही तारीफ!
Stop
Siraj Mahi|Updated: Jun 03, 2024, 12:19 PM IST

Fatwa against Deforestation:​ आम तौर पर लोग दारुल उलूम देबंद के इस्लामिक मसलों पर दिए गए फतवों की आलोचना करते हैं, लेकिन पहली बार इस संस्था के एक फतवे की लोग और पर्यावरण प्रेमी जमकर तारीफ कर रहे हैं.  उत्तर प्रदेश के इस मदरसे ने एक हैरान कर देने वाला फतवा दिया है. संस्थान ने लोगों से ग्लोबल वार्मिंग को रोकने की पहल के तहत पेड़ों को न काटने और फसलों को न जलाने की सलाह दी है.  इसे अच्छी पहल बताया जा रहा है. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (ICI) की तरफ से यह 'सलाह' मोहम्मद तारिक खान के बढ़ते तापमान के मद्देनजर मांगे गए स्पष्टीकरण पर जारी की गई है.

फतवा में क्या है?
मोहम्मद तारिक खान की गुजारिश के जवाब में ICI के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, "कुरान के मुताबिक, हरियाली की रक्षा करना, पानी बचाना और बर्बादी से बचना मुसलमानों का धार्मिक कर्तव्य है. हर मुसलमान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हरे पेड़ों और फसलों को आग न लगाई जाए." एक वीडियो संदेश में, मौलाना खालिद रशीद ने लोगों से ज्यादा पौधे लगाने और पेड़ों को काटने से बचने के लिए कहा. 

पेड़-पौधों से सभी को फायदा
उन्होंने कहा, "ईश्वर के मुताबिक, यह पुरस्कार उन लोगों के लिए है जो पौधे लगाते हैं, जिससे इंसानों और जानवरों सहित सभी जिंदा प्राणियों को फायदा होता है. तालाबों, नहरों, नदियों और समुद्रों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए ईमानदारी से कोशिश करें." उन्होंने आगे कहा, "इस्लाम में पेड़ों और फसलों को जलाना मना है. यह बहुत बड़ा पाप है. जंग के दौरान भी पेड़ों, बगीचों और खेतों को जलाना या नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए."

फतवा किसे कहते हैं?
आपको बता दें कि फतवा इस्लामी कानून के किसी बिंदु पर मान्यता प्राप्त धार्मिक प्राधिकरण की तरफ से दी गई सलाह है. किसी भी मसले पर इस्लामिक राय क्या है फतवा इसकी जानकारी देता है. फतवा मानने के लिए कोई भी शख्स बाध्य नहीं है. न ही इसे जबरदस्ती मनवाया जाता है.

{}{}