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कल सुपुर्द-ए-खाक होंगे अंसारी; जनाजे में शामिल होने के लिए बेटे ने SC का किया रुख

Mukhtar Ansari Last Rites: मुख्तार अंसारी की आखिरी रसूमात सनीचर को अदा की जाएंगी.  एसपी ओमवीर सिंह ने बताया है कि, हमने तैयारी पूरी कर ली है. जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की देर रात तक ही शव आ पाएगा. उसके बाद कल यानी 30 मार्च को बाद अंतिम संस्कार होगा.   

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कल सुपुर्द-ए-खाक होंगे अंसारी; जनाजे में शामिल होने के लिए बेटे ने SC का किया रुख
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Sabiha Shakil|Updated: Mar 29, 2024, 05:40 PM IST

Mukhtar Ansari Update News: मुख्तार अंसारी की आखिरी रसूमात सनीचर को अदा की जाएंगी.  एसपी ओमवीर सिंह ने बताया है कि, हमने तैयारी पूरी कर ली है. जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की देर रात तक ही शव आ पाएगा. उसके बाद कल यानी 30 मार्च को बाद अंतिम संस्कार होगा. उन्होंने बताया है कि रात से ही चौकसी बरती जा रही है. परिवार भी सहयोग कर रहा है. उन्होंने बताया कि फिलहाल जनपद में हालात सामान्य है. मोहम्दाबाद में अंसारी के घर के पास कुछ दुकानें लोगों ने संवेदना व्यक्त करने में स्वेच्छा से बंद कर रखी हैं, फिलहाल जन जीवन सामान्य है. देर रात्रि शव आने के बाद परिवार भी शीघ्र अंतिम संस्कार के लिए तैयार है. यहां पतली गलियां है इसलिए जरूर एहतियात बरती जाएगी.

वहीं, दूसरी तरफ मुख्तार अंसारी के बेटे और एमएलए अब्बास अंसारी को अपने पिता के जनाजे में शानिल होने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. जिसके बाद अब्बास अंसारी ने अपने पिता के जनाजे में शामिल होने के लिए SC का रुख किया है. सुप्रीम कोर्ट में आज छुट्टी है. इसलिए अब्बास अंसारी के वकील ने SC के वेकेशन ऑफिसर से सम्पर्क किया है और कोर्ट से जल्द से जल्द इस मांग पर सुनवाई करने की बात कही है. गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी की बृहस्पतिवार को हार्ट अटैक की वजह से बांदा के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. 

पारिवारिक जराए ने बताया कि अंसारी काली बाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा जो अंसारी परिवार के घर से तकरीबन आधा किलोमीटर दूर स्थित है. जराए ने बताया कि इसी कब्रिस्तान में मुख्तार के मां-पिता की कब्र हैं. बता दें कि, मुख्तार अंसारी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिर्टी से छात्र राजनीति करने के बाद साल 1996 में राजनीति में कदम रख दिया था. पहली बार वह 1996 में मऊ से विधायक बने. इसी सीट पर 2002, 2007, 2012 और 2017 में एमएलए चुने गए. दो बार बसपा के टिकट पर, दो बाद निदर्लीय उम्मीदवार के तौर पर और एक बार खुद की पार्टी कौमी एकता दल के टिकट पर एमएलए चुने गए. 

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