Home >>Muslim News

कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदागाह विवाद मामले में पूरी हुई सुनवाई, HC ने सुरक्षित रखा फैसला

Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah dispute case: कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदागाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वादी की याचिका पर अपना फैसला आज यानी 31 मई को सुरक्षित रख लिया है.

Advertisement
कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदागाह विवाद मामले में पूरी हुई सुनवाई, HC ने सुरक्षित रखा फैसला
Stop
Taushif Alam|Updated: May 31, 2024, 02:17 PM IST

Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah dispute case: मथुरा में मौजूद कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदागाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वादी की याचिका पर अपना फैसला आज यानी 31 मई को सुरक्षित रख लिया है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस मयंक कुमार जैन की कोर्ट कर रही थी. दरअसल, याचिका दायर कर शाही ईदगाह मस्जिद के ढांचे को हटाकर कब्जा दिलाने और मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की मांग की गई है. 

कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
वहीं, इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने कहा, "कृष्ण जन्मभूमि पर बने मंदिर के पक्षकार के पास वाद दाखिल करने की कानूनी हैसियत नहीं है, जबकि मंदिर पक्ष की तरफ से कहा गया था कि मामले को लटकान के लिए बहस दोहराई जा रही है." सभी की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. 

दोनों पक्षों ने दी ये दलील
इससे पहले हाईकोर्ट ने 30 मई को कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदागाह विवाद मामले की सुनवाई की थी. इस दौरान हिंदू पक्ष की तरफ से कहा गया था कि सरकारी दस्तावेजों में शाही ईदगाह मस्जिद के नाम पर कोई संपत्ति नहीं है. वहीं. शाही ईदगाह के पक्षकार ने कहा, " इस मामले में वाद पाषणीय नहीं है." इस मामले की सुनवाई जस्टिस मयंक कुमार जैन कर रहे हैं. कोर्ट में दोनों पक्षों ने हाजिर होकर अपना-अपना पक्ष रखा था.

क्या है पूरा मामला
मथुरा में मौजूद शाही ईदगाह मस्जिद और कृष्ण जन्मभूमि  के 13.37 एकड़ जमीन को लेकर दोनों पक्षों में विवाद चल रहा है. लगभग 11 एकड़ जमीन पर मंदिर का निर्णा हुआ है. वहीं, 2.37 एकड़ में  शाही ईदागाह मस्जिद है. इस मस्जिद का निर्माण मुगल शासक औरंगजेब ने सन 1669-70 में करवाया था. हिंदू पक्ष दावा करता है कि मुगर शासक औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बने केशवनाथ मंदिर को तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण करवाया था. वहीं मुस्लिम पक्ष का दावा है कि इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण मंदिर तोड़कर करवाया गया था. 

{}{}