मुंगेरः बिहार में संस्कृत की परीक्षा (Sanskrit exam in Bihar) में पूछे गए इस्लाम धर्म से जुड़े कुछ सवालों को लेकर सियासत गर्म हो गई है. इसमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी कूद गए हैं, और उन्होंने संस्कृत की शिक्षा का इस्लामीकरण (Islamikaran of Sanskrit) करने का इल्जाम लगाया है. परीक्षा में पूछा गया सवाल इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. हालांकि, इस मामले में सोशल मीडिया पर इस पर प्रश्न उठाने वाले लोगों को ही निशाना बनाया जा रहा है.
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने अपर मुख्य सचिव के निर्देश के बाद सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए मासिक स्तर पर जांच परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया था. इसके तहत अक्टूबर माह की परीक्षा संचालित की जा रही है. इस क्रम में गुरुवार को नौवीं कक्षा के संस्कृत विषय की परीक्षा संचालित की गई थी. इसके प्रश्न पत्र में इस्लाम धर्म से जुड़े कई प्रश्न पूछे गए थे. नौवीं क्लास के संस्कृत विषय की पाठ्यपुस्तक में कुल पंद्रह अध्याय है, जिसमें दसवें अध्याय का नाम ईद महोत्सवः (निबंधः) है.
26 अक्टूबर को संचालित संस्कृत की परीक्षा में इसी अध्याय से वस्तुनिष्ठ प्रकार के 30 प्रश्न में तीन प्रश्न, लघु उत्तरीय प्रकार के 10 प्रश्न में पांच प्रश्न और दीर्घ उत्तीय 5 प्रश्न में दो प्रश्न इसी अध्यय से पूछे गए हैं. प्रश्न-पत्र छात्रों को मिलने के बाद से ही ये इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं.
संस्कृत का भी इस्लामीकरण हो गया
इंटरनेट पर प्रश्न-पत्र वायरल होने के बाद केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से भाजपा के सांसद गिरिराज सिंह ने इसपर हमला बोला है. उन्होंने एक्स पर प्रश्नपत्र शेयर करते हुए लिखा है, "बिहार में संस्कृत का भी इस्लामीकरण हो गया है. बिहार के सरकारी स्कूलों में संस्कृत की परीक्षा में पूछे गए इस्लाम पर सवाल. एक प्रश्नपत्र में ऐसे 10 सवाल."
विभाग ही तैयार करता है प्रश्न-पत्र
वहीं, स्कूल प्रशासन का कहना है कि यह प्रश्न पत्र विभाग की तरफ से ही उपलब्ध कराया जाता है. विभागीय लोगों का कहना है कि संस्कृत के पाठ्यपुस्तक में जो मौजूद है, उसी से सवाल पूछे गए हैं. हालांकि, एक ही अध्याय से 10 सवाल पूछे जाने को लेकर विभाग के पास कोई जवाब नहीं है.
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