Home >>Zee Salaam हेल्थ

दारू-शराब से ज्यादा नुकसानदेह है रोज़ खाये जाने वाला तेल और चीनी; AIIMS के रिसर्च में खुलासा!

Health News: लिवर हमारे शरीर का एक बेहद अहम अंग है. इसके महत्व को उजागर करने के लिए हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है, लेकिन इससे पहले लिवर को लेकर डॉक्टरों ने बड़ा दावा किया है. 

Advertisement
दारू-शराब से ज्यादा नुकसानदेह है रोज़ खाये जाने वाला तेल और चीनी; AIIMS के रिसर्च में खुलासा!
Stop
Zee Salaam Web Desk|Updated: Apr 18, 2024, 05:08 PM IST

Health News: विश्व लिवर दिवस से पहले डॉक्टरों ने लिवर को लेकर बड़ा दावा किया है. डॉक्टरों का कहना है कि शराब लिवर के स्वास्थ्य के लिए खराब है, लेकिन  चीनी और तेल से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन लिवर के साथ-साथ समग्र स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही खतरनाक हो सकता है. लिवर हमारे शरीर का एक बेहद अहम अंग है. इसके महत्व को उजागर करने के लिए हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है. इस साल की थीम है 'सतर्क रहें, नियमित लिवर जांच कराएं और फैटी लिवर रोगों को रोकें'.

लिवर शरीर के वेयरहाउस के रूप में काम करता है, जो व्यक्ति के जरिए खाए (उपभोग की) जाने वाली हर चीज को संसाधित करता है. ज्यादा कैलोरी खाने से लिवर में वसा जमा हो सकती है, जिससे फैटी लीवर रोग हो सकता है जो मधुमेह और दूसरे चयापचय (मेटाबोलिक) संबंधी विकारों को ट्रिगर कर सकता है.

अपोलो प्रोहेल्थ की चिकित्सा निदेशक डॉ. श्रीविद्या ने न्यूज एजेंसी IANS को बताया, "जबकि शराब से संबंधित लीवर रोग के खतरे सर्वविदित हैं, शर्करा (चीनी) और वसा जैसे उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों से होने वाले गैर-अल्कोहल यकृत रोग पर चिंता बढ़ रही है. यह स्थिति लिवर सिरोसिस समेत अल्कोहलिक लिवर रोग जैसी ही गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकती है, जिसके लिए आखिर में लिवर प्रत्यारोपण की जरूरत हो सकती है."

ज्यादा चीनी के सेवन से बढ़ता मोटापा
पीडी हिंदुजा अस्पताल के डॉ. पवन ढोबले ने कहा, "ज्यादा चीनी और तेल का सेवन, शराब की तरह लिवर के ऊतकों के माध्यम से बिखरे हुए वसा की बूंदों को जन्म देता है, जिससे सूजन की वजह से लिवर को नुकसान होता है. ज्यादा चीनी और तेल के सेवन से मोटापा बढ़ता है, जिससे गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (एनएएफएलडी) सहित लीवर के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. डेटा से पता चलता है कि हर चार में से लगभग एक भारतीय वयस्क या तो ज्यादा वजन वाला है या मोटापे से ग्रस्त है, जिससे फैटी लीवर रोग का खतरा है. शराब का उपयोग भी बढ़ रहा है.

एम्स के रिसर्च में आया चौंकाने वाला सच
भारत में एनएएफएलडी पर रिपोर्टों का विश्लेषण करते हुए एम्स के जरिए किए गए एक अध्ययन में एक चौंकाने वाला सच सामने आया है. एक तिहाई से ज्यादा (38 फीसद) भारतीयों को फैटी लीवर या एनएएफएलडी है. जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल हेपेटोलॉजी के मुताबिक, यह घटना लगभग 35 फीसद बच्चों को भी प्रभावित करती है और कम उम्र से ही लाइफस्टाइल से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान पर ध्यान देने का आह्वान करती है.

{}{}