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दिल को हेल्दी रखने में मदद करेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, App किया गया तैयार

Heart Health: लंदन में हुए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है. अध्ययन एआई की मदद से दिल का दौरा के लिए जिम्मेदार पांच उप प्रकारों की पहचान की गई है इस अध्ययन को 'द मेट डिजिटल हेल्थ जर्नल' में प्रकाशित किया गया है.

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दिल को हेल्दी रखने में मदद करेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, App किया गया तैयार
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Shivendra Singh|Updated: Jun 24, 2023, 04:38 PM IST

Heart Health: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल दिल को दुरुस्त रखने में मददगार साबित हो सकते हैं. लंदन में हुए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है. अध्ययन एआई की मदद से दिल का दौरा के लिए जिम्मेदार पांच उप प्रकारों की पहचान की गई है इस अध्ययन को 'द मेट डिजिटल हेल्थ जर्नल' में प्रकाशित किया गया है.

अध्ययन में दिल के दौरे के लिए पांच संभावित जिन पांच उपप्रकारों की खोज की गई है, उनमें प्रारंभिक शुरुआत, देर से शुरुआत, एट्रियल पडब्रिलेशन से संबंध, चयापचय और कार्डियोमेटाबोलिक शामिल है. अध्ययन में कहा गया है कि मशीन लर्निंग का उपयोग दिल के दौरे के मामलों को काफी हद तक कम कर सकता है. शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए ब्रिटेन में बीते 20 सालों के दौरान 30 वर्ष या उससे अधिक आयु के ऐसे लोगों के डेटा विशलेषण किया, जिन्हे कभी दिल का दौरा पड़ा था और उनकी इस समस्या का निदान किया गया था.

मौत की आशंका का किया आंकलन
अध्ययन में दिल के दौरे के पांचों उपप्रकार वाले रोगियों में एक वर्ष के भीतर मौत की आशंका का भी आकलन किया गया. इसमें पाया गया कि प्रारंभिक लक्षण वाले मरीजों में एक साल के भीतर 20 प्रतिशत मौत की, दिल के दौरे के लक्षणों की देर से शुरुआत होने वाले मरीजों में एक साल के भीतर 46 प्रतिशत मौत की एट्रियल फाइब्रिलेशन संबंधित मरीजों में एक साल के भीतर 61 प्रतिशत मौत की चयापचय वाले लोगों में एक साल के भीतर 11% मौत की और कार्डियोमेटाबोलिक वाले लोगों एक साल के भीतर में 37 प्रतिशत मौत की आशंका पाई गई.

एप हुआ विकसित
शोधकर्ताओं ने एक ऐसा एप भी विकसित किया है जिसका उपयोग डॉक्टर दिल के दौरे के प्रकार की पहचान करने के लिए कर सकते हैं. इसके साथ ही उनके जीवित रहने की भविष्यवाणी भी की जाती है.

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