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'सौतन’ और 'सनम बेवफा’ जैसी ब्लॉकबस्टर मूवी बनाने वाले निर्देशक सावन कुमार का निधन

Film Director Sawan Kumar Tak Passed Away: निर्देशक सावंत कुमार टाक ने 86 साल की उम्र में मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में गुरुवार को अंतिम सांस ली. वह लंबे अरसे से फेफड़े और छाती से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त थे.  

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सावन कुमार टाक
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Zee Media Bureau|Updated: Aug 25, 2022, 08:35 PM IST

मुंबईः 'सौतन’ और 'सनम बेवफा’ (Sanam Be Wafa ) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाने वाले बॉलीवुड के वयोवृद्ध फिल्म निर्माता सावन कुमार टाक (Sawan Kumar Tak) का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. टाक 86 वर्ष के थे और उनके परिवार में उनकी पत्नी और प्रख्यात संगीत निर्देशक उषा खन्ना और अन्य रिश्तेदार हैं. उनके भतीजे नवीन ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से फेफड़े और छाती से संबंधित बीमारियों से जूझने के बाद वह कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती थी. अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली. जयपुर में जन्मे इस फिल्मी हस्ती ने अपने लंबे बॉलीवुड करियर में गीत लिखे, पटकथाएं लिखीं और कई फिल्मों का निर्माण किया. 

'नौनिहाल’ के पटकथा लेखन से की थी करिअर की शुरुआत 
टाक ने 1967 में सुपरहिट संगीतमय ’नौनिहाल’ की पटकथा लिखकर अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी, जिसके लिए भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के अंतिम संस्कार के जुलूस के दौरान मोहम्मद रफी के गीत ’मेरी आवाज सुनो’ की शूटिंग की गई थी. सावन कुमार अपने 55 साल के लंबे बॉलीवुड करियर में, टाक ने राजेश खन्ना, टीना मुनीम (अंबानी) और पद्मिनी कोल्हापुरे अभिनीत म्यूजिकल ब्लॉकबस्टर ’सौतन’ (1983) सहित 20 से ज्यादा फिल्में बनाई थीं.

'सौतन’ और ’सनम बेवफा’ उनकी ब्लॉकबस्टर फिल्में
सावन कुमार की अन्य फिल्मों में में ’गोमती के किनारे’ (1972), उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म थी, जो मुमताज और समीर खान की सह-कलाकार मीना कुमारी की करीबी दोस्त और दिग्गज अभिनेत्री मीना कुमारी की आखिरी फिल्म थी. हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई थी. इसके बाद भी सावन कुमार निराश नहीं हुए और उन्होंने ’हवस’ (1974, अनिल धवन, नीतू सिंह अभिनीत और दिवंगत अभिनेत्री विद्या सिन्हा), 'साजन बिना सुहागना’ (1978), 'साजन की सहेली’ (1981) जैसी फिल्में की. 'सनम बेवफा’ (1991, सलमान खान और चांदनी अभिनीत), 'खलनायिका’ (1993), 'चांद का टुकड़ा’ (1994, सलमान खान, श्रीदेवी और शत्रुघ्न सिन्हा अभिनीत), आदि उनकी यादगार फिल्मों में शुमार है. 

इसके अलावा, उन्होंने अन्य फिल्म निर्माताओं द्वारा निर्मित और निर्देशित फिल्मों के गीतों के बोल भी लिखे हैं. इनमें 'सबक’, 'कहो ना... प्यार है’ और 2004 में आई फिल्म 'देव’ के सभी गाने शामिल हैं.

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