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Haryana​ Mob Lynching: गौ मांस खाने के शक में हत्या; घटना के 5 दिन बाद क्या हुआ , कितने आरोपी पकड़े गए?

Haryana Mob Lynching: कुछ दिन पहले झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले प्रवासी लोगों के पास पका हुआ मांस मिला था. इसके बाद गोरक्षकों ने इसे गाय का मांस बताया था. जिसके बाद गोरक्षकों ने एक मजदूर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.  

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Haryana​ Mob Lynching: गौ मांस खाने के शक में हत्या; घटना के 5 दिन बाद क्या हुआ , कितने आरोपी पकड़े गए?
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Taushif Alam|Updated: Sep 02, 2024, 06:46 PM IST

Haryana​ Mob Lynching: हरियाणा के कस्बा बाढड़ा में गोमांस खाने के शक में एक प्रवासी मजदूर की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. चरखी दादरी की एसपी पूजा वशिष्ठ ने यह जानकारी दी है.

एसपी पूजा वशिष्ठ ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि घटना की खबर मिलते ही पुलिस टीम मौके पर भेजी गई थी. घटना वाली रात को ही एफआईआर दर्ज कर ली गई थी. अगले दिन सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. तीन आरोपियों को हिरासत में भेज दिया गया और 5 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

सभी आरोपियों से पूछताछ जारी
उन्होंने बताया कि रिमांड के दौरान आरोपियों ने मामले में शामिल दूसरे आरोपियों के बारे में जानकारी दी. इसके बाद दो दिन पहले एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया. जबकि दूसरे आरोपियों की तलाश में पुलिस की अलग-अलग टीमें लगी हुई हैं. जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है.

क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि प्रवासी मजदूर द्वारा गोमांस खाने का मामला कस्बा बाढड़ा का है. कुछ दिन पहले झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले प्रवासी लोगों के पास पका हुआ मांस मिला था. इसके बाद गोरक्षकों ने इसे गाय का मांस बताया था. जिसके बाद इलाके में काफी हंगामा हुआ. कुछ दिन बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें एक व्यक्ति को गोमांस खाने के शक में पीट-पीटकर मार डाला गया. उसका शव भांडवा गांव के पास मिला. पुलिस ने मृतक के परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज किया था.

 जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने की ये अपील
वहीं, इस मामले को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने भीड़ हिंसा के खिलाफ सख्त कानून बनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि  भीड़ हिंसा “मुसलमानों की समस्या नहीं है, बल्कि एक राजनीतिक समस्या है और इसका राजनीतिक रूप से ही समाधान संभव है.”

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