World Cup Final 2023: आज यानी रविवार को वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबला है. यह मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हो रहा है. इससे पहले दोनों टीमें फाइनल में 2003 में खेली थीं. जोहान्सबर्ग में पिछला मुकाबला एकतरफा था, जिसमें रिकी पोंटिंग की ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दबदबा बनाए रखा और भारत पर 125 रनों की आसान जीत के साथ अपना तीसरा विश्व कप खिताब हासिल किया था. जबकि भारतीय प्रशंसक इस बार एक अलग नतीजे के लिए दुआ कर रहे होंगे, वे यह भी उम्मीद कर रहे होंगे कि रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम वही गलतियां नहीं दोहराएगी जो सौरव गांगुली की टीम ने 2003 के की थी. आइये जाते हैं कि क्या थी वह गलतियां थीं.
2003 विश्व कप फाइनल में, कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीता और पहले फील्डिंग का विकल्प चुना. यह एक विनाशकारी फैसला साबित हुआ, उस दौरान ऑस्ट्रेलिया ने 359/2 बनाए थे और टीम इंडिया चेज नहीं कर राई और 129 रनों से शिकस्त मिली. नरेंद्र मोदी स्टेडियम पहले बैटिंग करने वाली टीम का समर्थन करता आया है.
एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन की खतरनाक ऑस्ट्रेलियाई सलामी जोड़ी ने शुरू से ही भारतीय तेज गेंदबाजी को पनिश किया. ऑस्ट्रेलिया की वर्तमान सलामी जोड़ी, ट्रैविस हेड और डेविड वार्नर, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया को खेलों में तेज शुरुआत प्रदान की है, फाइनल में भी उसी माइंडसेट के साथ उतरना चाहेंगे. इसलिए, नई गेंद से जसप्रीत बुमरा और मोहम्मद सिराज को मैदान पर रहना होगा.
उस दौरान भारत के तेज गेंदबाज जहीर खान, आशीष नेहरा और जवागल श्रीनाथ खेल के आखिरी दस ओवरों में रिकी पोंटिंग और डेमियन मार्टिन को रोकने में नाकाम रहे थे. हालांकि, भारतीय गेंदबाज जिस तरह की फॉर्म में हैं, उससे जोश इंगलिस और ग्लेन मैक्सवेल सहित ऑस्ट्रेलिया के मध्यक्रम के बल्लेबाजों पर हावी होने की संभावना है.
विश्व कप में भारत की सफलता के पीछे एक अहम वजह उनका टॉप ऑर्डर रहा है. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने शुरुआत से ही आक्रामक पारी खेलकर टीम का नेतृत्व किया है. मेन इन ब्लू को ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर हावी होने के लिए इसी रणनीति को जारी रखना होगा.
एक पहलू जिसने 2003 विश्व कप में भारत को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया वह था कमबैक न करना. हालांकि, मौजूदा भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने शुरुआती विश्व कप खेल में खेल को पलटने की क्षमता दिखाई है.