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Draupadi Murmu: साधारण स्कूल में पढ़ाई से लेकर जानें कैसा रहा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का सफर?

Draupadi Murmu: आज द्रौपदी मुर्मू ने देश के राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने मुर्मू को राष्ट्रपति की शपथ दिलाई. ऐसे में अब वह देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं. बता दें, द्रौपदी मुर्मू ने एक साधारण स्कूल से पढ़ाई की है. इस खबर में जानें द्रौपदी मुर्मू का अब तक का सफर कैसा रहा? 

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Draupadi Murmu: साधारण स्कूल में पढ़ाई से लेकर जानें कैसा रहा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का सफर?
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Poonam |Updated: Jul 25, 2022, 01:44 PM IST

Draupadi Murmu: द्रौपदी मुर्मू ने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद यानी राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है. द्रौपदी मुर्मू को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई है, जिसके बाद द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं और पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बन गई हैं. उनके शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सैन्य व असैन्य अधिकारी मौजूद रहे. 

एक साधारण स्कूल से की पढ़ाई
बता दें, 2007 में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनी थीं. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के बाद अब द्रौपदी मुर्मू देश की महिला राष्ट्रपति बनी हैं. द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज के आदिवासी गांव उबरबेड़ा में हुआ था. इन्होंने यहां के कुसुमी तहसील के छोटे से गांव उपरबेड़ा के साधारण से स्कूल से पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इतना ही नहीं, द्रौपदी मुर्मू सिंचाई और बिजली विभाग में क्लर्क के पद पर भी काम कर चुकी हैं. 

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ऐसे हुई राजनीतिक करियर की शुरुआत 
मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत से पार्षद के रूप मे अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. इसके बाद वह धीरे-धीरे आगे बढ़ती चली गईं. पार्षद के बाद वह रायरंगपुर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की उपाध्यक्ष बनीं. इसके बाद 2013 में वह पार्टी के एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारी की सदस्य बनाई गईं. द्रौपदी मुर्मू महिलाओं के साथ-साथ देश की कुल आबादी के 8 फीसदी से भी ज्यादा आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं. द्रौपदी मु्र्मू संथाल जनजाति से ताल्लुक रखती हैं. 

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2007 में मिला था सर्वश्रेष्ठ विधायक का सम्मान
बता दें, आदिवासियों में गोंड और भील के बाद संथाल जनजाति की आबादी सबसे ज्यादा है. द्रौपदी मुर्मू को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया था, जिसके बाद उन्होंने विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को हराकर जीत हासिल की. ऐसे में द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से पहली राष्ट्रपति बनी हैं. 2007 में द्रौपदी मुर्मू को ओडिशा विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक का भी सम्मान मिला.

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