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Joshimat की तरह हिमाचल प्रदेश पर मंडरा रहे खतरे के बादल, यहां भी धंसने लगी जमीन

Joshimath crisis: हिमाचल प्रदेश में भी अब जोशीमठ जैसे हालात होने लगे हैं. मंडी जिला के तीन गावों के घरों में दरारें पड़ गई हैं. ऐसे में अब उत्तराखंड के बाद यहां पर भी लोगों को डर सताने लगा है.   

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Joshimat की तरह हिमाचल प्रदेश पर मंडरा रहे खतरे के बादल, यहां भी धंसने लगी जमीन
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Zee Media Bureau|Updated: Jan 16, 2023, 01:41 PM IST

कोमल लता/मंडी: जोशीमठ में लोग इन दिनों जमीन धंसने की त्रासदी से जूझ रहे हैं. मकानों में दरारें पड़ने के बावजूद लोग इन्हीं घरों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में अब न सिर्फ उत्तराखंड के जोशीमठ में बल्कि हिमाचल प्रदेश में ऐसी ही स्थिति होने लगी है. देवभूमि पर इसी तरह खतरा मंडरा रहा है. जिला मंडी के तीन गांव में 

एक ओर सर्दी का प्रकोप, दूसरी ओर दरारें पड़ने से जान का खतरा
प्रदेश में एक ओर कड़कड़ाती ठंड का प्रकोप जारी है, जिसकी वजह से लोग पहले से ही काफी परेशान हैं और अब यहां जमीन धंसने की वजह से लोगों को डर सताने लगा है. उनके सामने अब ये दुविधा भी आ खड़ी हुई है कि कड़कड़ाती ठंड से बचने के लिए घर में बंद रहा जाए या फिर इस त्रासदी से जान बचाने के लिए घरों से बाहर रहें. बता दें, जिला मंडी के तीन गांवों में जमीन धंसने और घरों में दरारें पड़ने की खबर सामने आई है. जहां मंडी जिले की सिराज घाटी में थलौट, फागू और नागानी गांव में जमीन धंस गई है. इतना ही नहीं यहां कई घरों में दरारें भी पड़ गई हैं. 

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इस वजह से पड़ीं दरारें
बताया जा रहा है कि जिला मंडी के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के तहत विकास खंड बालीचौकी ग्राम पंचायत भटवाड़ी गांव शालानाल में फोरलेन निर्माण कार्य चल रहा था. जब यहां निर्माण कार्य के दौरान कटिंग की गई तो अचानक कटिंग के कारण पहाड़ दरकने से लोगों के घरों में दरारें आ गईं. इस दौरान गांव को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. स्थानीय लोगों की मानें तो उनका कहना है कि यह दरारें मनाली-चंडीगढ़ फोरलेन निर्माण के लिए हुई पहाड़ की कटिंग के कारण हुई हैं. 

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शिकायत देने के बावजूद नहीं हुआ समाधान
पंचायत समिति सदस्य शोभेराम भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित लोगों का कहना है कि उन्होंने इस असुविधा को लेकर मंडी प्रशासन और एनएचएआई को शिकायत दी थी. इसके बाद एसडीएम बालीचौकी ने मौके का दौरा भी किया था, लेकिन आज तक उन्हें इस समस्या से राहत नहीं मिल पाई है. 

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