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Hindi Journalism Day: लोकतंत्र का चौथा सतभं! 46 साल के बाद आया हिंदी अखबार

Hindi Journalism Day: साल 1826 में भारत का पहला हिंदी भाषा का समाचार पत्र 30 मई को ही प्रकाशित हुआ था. पंडित युगल किशोर शुक्ल ने   "उदन्त मार्तण्ड’’ नाम का एक अखबार कोलकाता मे साप्ताहिक समाचार पत्र के तौर पर शुरू किया गया था. 

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Zee Media Bureau|Updated: May 30, 2022, 07:02 PM IST

Hindi Journalism Day:​चंडीगढ़: मीडिया, पत्रकारिता, समाचार पत्र, न्यूज चैनल इन शब्दों को सुनते ही आपके दिमाग में एक रिपोर्टर हाथ में माइक पकड़े खड़ा दिखाई देता होगा. यही इमेज मीडिया को लेकर आज लोगों के दिमाग में बैठ गई है. 

मीडिया का काम सिर्फ लोगों को सुचना प्रदान करना ही नहीं है बल्कि, मीडिया को लोकतंत्र का चौथा सतभं कहा जाता है. 

मीडिया वो सेतु है जो जनता और सरकार को जोड़ने का काम करता है. समाज में बदलाव लाने के लिए मीडिया का होना बहुत जरूरी है. मीडिया की इसी महत्वता को कायम रखने के लिए हर वर्ष 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है. 

46 साल के बाद आया हिंदी अखबार

हिंदी अखबार उदन्त मार्तण्ड के प्रकाशित होने से 46 साल पहले सन 1780 में एक अंग्रेजी अखबार छपना शुरू हुआ था. 29 जनवरी 1780 में एक आयरिश नागरिक जेम्स आगस्टस हिकी कलकत्ता शहर से ही ‘कलकत्ता जनरल एडवर्टाइजर’ नाम से एक अंग्रेजी अखबार का प्रकाशन शुरू किया था.

यह भारतीय उपमहाद्वीप का पहला अखबार था. इसके प्रकाशन के साढ़े चार दशक बाद उदन्त मार्तण्ड नाम से पहला हिंदी अखबार प्रकाशित हुआ था. इन बीच अन्य भारतीय भाषाओं के अखबारों का प्रकाशन शुरू हो चुका था.

भारत का पहला अखबार

साल 1826 में भारत का पहला हिंदी भाषा का समाचार पत्र 30 मई को ही प्रकाशित हुआ था. पंडित युगल किशोर शुक्ल ने   "उदन्त मार्तण्ड’’ नाम का एक अखबार कोलकाता मे साप्ताहिक समाचार पत्र के तौर पर शुरू किया गया था. 

8 पेज का ये अखबार हर मंगलवार को प्रकाशित होता था. ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ खबरें प्रकाशित करने के चलते सरकार ने अखबार के प्रकाशन में कानूनी अडचम लगाना शुरू कर दिया था. जिस कारण अखबार को 19 महीने बाद ही बंद करना पड़ा था.

हिंदी पत्रकारिता दिवस के इस मौके पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने ट्विटर पर सभी को हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं.

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