Home >>Zee PHH Religion

Shradh 2023: इस तारीख से लग रहा पितृ पक्ष, जानें क्या है श्राद्ध का महत्व

Shradh 2023: हर व्यक्ति पितृ पक्ष के दौरान अपने पूर्वजों का श्राद्ध करता है. ऐसा ना करने पर पितृ दोष लग जाता है और घर की सुख-समृद्धि खत्म होने लगती है. पितरों को प्रसन्न करने के लिए निमित्त पिंडदान, हवन और तर्पण करें.

Advertisement
Shradh 2023: इस तारीख से लग रहा पितृ पक्ष, जानें क्या है श्राद्ध का महत्व
Stop
Poonam |Updated: Sep 21, 2023, 11:50 AM IST

Shradh 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है. आज से 8 दिन बाद पितृ पक्ष शुरू हो जाएगा. इसे श्राद्ध भी कहा जाता है जो कि 16 दिनों का होता है. इसकी शुरुआत भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से होती है जबकि अंत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होता है. बता दें, इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर 2023 से हो रही है जबकि समापन 14 अक्टूबर को होगा.  

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में विशेष पूजा-पाठ करने से पितरों को तृप्त किया जा सकता है यानी इस पक्ष में पितरों के लिए पूजा कर उनकी आत्मा को शांति मिलती है. पितृ पक्ष में वंशज अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध करते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके. पितृ पक्ष में ये कार्य करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इससे पितृ दोष दूर होता है और घर में खुशहाली आती है. बता दें, श्राद्ध पितरों की आत्मा की शांति के अलावा उनके प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए भी किया जाता है. 

ये भी पढ़ें- Surya Shasthi: आज सूर्य देव की आराधना करने से होती है धन और स्वस्थ संतान की प्राप्ति

श्राद्ध न करने पर लग जाता है पितृ दोष
मान्यताओं के अनुसार, मृत्यु के देवता यमराज पितृ पक्ष में मृत को मुक्त करके पृथ्वी पर भेज देते हैं ताकि पितृ अपने परिवार के पास जाकर तर्पण ग्रहण कर उन्हें आशीर्वाद दे सकें, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिल सके, क्योंकि अगर पितरों का तर्पण ना किया जाए तो पितृ दोष लग जाता है, जिससे घर की सुख-समृद्धि खत्म हो जाती है और धीरे-धीरे सब खत्म होने लगता है. पितरों की शांति के लिए पितृ पक्ष के दौरान हवन, निमित्त पिंडदान और तर्पण करना चाहिए ताकि वे प्रसन्न हो सकें.

ये भी पढ़ें- Himachal Pradesh के इस मंदिर में सर्प का काटा हुआ व्यक्ति हो जाता है ठीक

भूलकर भी न करें ये काम
बता दें, पितृ पक्ष के दौरान लगातार 16 दिन तक पूर्वजों के लिए खाना निकाला जाता है. इसके अलावा पितृ की तिथि पर बह्मणों को भोज कराया जाता है. ध्यान रहे कि इन 15 से 16 दिनों तक कोई भी शुभ कार्य शादी, गृह प्रवेश, मुंडन इत्यादि नहीं कराया जाता है और ना ही कोई नया सामान खरीदा जाता है. 

WATCH LIVE TV

Read More
{}{}