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Indira Ekadashi: क्यों रखा जाता है इंदिरा एकादशी व्रत, जानें पूजा विधि और पारणा का सही वक्त

Indira Ekadashi 2022: बुधवार 21 सितंबर 2022 को इंदिरा एकादशी व्रत रखा जाना है. इस दिन भगवान विष्णु की शालिग्राम  रूप में पूजा की जाती है. इस व्रत को पितरों को मोक्ष दिलाने वाला व्रत भी कहा जाता है. 

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Indira Ekadashi: क्यों रखा जाता है इंदिरा एकादशी व्रत, जानें पूजा विधि और पारणा का सही वक्त
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Poonam |Updated: Sep 21, 2022, 08:44 AM IST

Indira Ekadashi: वैसे तो महीने में दो बार एकादशी (ekadashi) तिथि आती है, लेकिन आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी (ashwin mahina ekadashi) का खास महत्व होता है. इस एकादशी को इंदिरा एकादशी (indra ekadashi 2022) कहा जाता है. इस साल इंदिरा एकादशी व्रत (indra ekadashi vrat) 21 सितंबर बुधवार को रखा जाना है. कहा जाता है कि इस एकादशी को भटकते हुए पितरों को मुक्ति मिलती है. इंदिरा एकादशी को व्रत रखकर भगवान विष्णु की शालिग्राम के रूप में पूजा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.   

यह है पूजा विधि
हिंदू पंचाग के अनुसार, एकादशी व्रत कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 20 सितंबर रात 9 बजे के बाद से शुरू हो जाएगी और 21 सितंबर बुधवार रात 11 बजे तक रहेगी. इंदिरा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. फिर भगवान विष्णु और लड्डू गोपाल की प्रतिमा का गंगाजल से अभिषेक करें और फिर उनकी प्रतिभा पर तुलसी के पत्ते चढ़ाएं. इसके बाद मंदिर में उनके समक्ष दीप प्रज्वलित करें और भगवान विष्णु की आरती करें. जो लोग व्रत रख सकते हैं वो व्रत रखें. 

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जानें कब से कब तक रहेगा इंदिरा एकादशी व्रत
इस दिन ध्यान रखें कि भगवान विष्णु को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाएं. उनके भोग में तुलसी के पत्तों को जरूर शामिल करें. मान्यता है कि भगवान विष्णु तुलसी के पत्तों के बिना भोग ग्रहण नहीं करते हैं. इस दिन विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी जी की पूजा करें. आप पूरा दिन व्रत के बाद अलगी सुबह यानी 22 सितंबर को पारणा करें. बता दें, एकादशी व्रत का पारणा का समय 22 सितंबर सुबह 6 बजे से 8 बजे तक रहेगा.  

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