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Naina Devi: चंद्रग्रहण के सूतक काल में भी श्रद्धालुओं के लिए खुले रहे शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर के कपाट

Bilaspur News in Hindi: चंद्रग्रहण के सूतक काल शुरू होने के बावजूद श्रद्धालुओं के लिये खुले रहे शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर के कपाट. चंद्रग्रहण हो या सूर्यग्रहण हमेशा खुले रहते हैं शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर के कपाट. 

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Naina Devi: चंद्रग्रहण के सूतक काल में भी श्रद्धालुओं के लिए खुले रहे शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर के कपाट
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Muskan Chaurasia|Updated: Oct 28, 2023, 06:37 PM IST

Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर स्थित शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में चंद्र ग्रहण के सूतक काल का समय शुरू होने के बावजूद भी भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खुले हुए हैं. गौरतलब है कि चाहे चंद्र ग्रहण हो या फिर सूर्य ग्रहण मंदिर के कपाट हमेशा ही श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते हैं और अन्य दिनों की तरह ही भक्त माता रानी के दर्शन कर अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं. 

आपको बता दें, कि प्राचीन काल से ही यह परंपरा चली आ रही है कि चंद्रग्रहण व सूर्यग्रहण का असर माता रानी के दरबार पर बेअसर साबित होता है और सकारात्मक ऊर्जा के साथ ही देशभर से आने वाले श्रद्धालु मां नैनादेवी के दर्शन करते हैं. 

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जहां एक ओर चंद्रग्रहण का सूतक काल आज शाम 4.30 बजे से शुरू हो गया है. मगर इसका असर बिलासपुर स्थित शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर पर देखने को नहीं मिला और मंदिर कपाट हमेशा की तरह ही खुले दिखाई है. इस बात की जानकारी देते हुए श्री नैनादेवी मंदिर पुजारी नीलम शर्मा का कहना है कि प्राचीन काल से ही हिमाचल के शक्तिपीठों पर मंदिरों के द्वार चंद्रग्रहण या सूर्यग्रहण के दौरान बंद नहीं होते बल्कि खुले रहते हैं और श्रद्धालुओं को माता के दर्शन अन्य दिनों की तरह ही सामान्य तौर पर होते रहते हैं लेकिन ग्रहण के दौरान मां नैनादेवी जी को लगने वाले भोग प्रसाद में कुशा का प्रयोग किया जाता है ताकि माता रानी को लगने वाले भोग पर ग्रहण का असर ना हो सके और प्रसाद की पवित्रता बनी रहे.

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