Shimla News: हिमाचल प्रदेश में माइनिंग का बड़ा घोटाला सामने आया है. प्रदेश में बीते 5 सालों से 63 के करीब स्टोन क्रेशर बिना लीज के चल रहे थे, जिसे सरकार के 100 करोड़ से अधिक का चूना लगाया है. इन स्टोन क्रशर के द्वारा कोई भी रियलिटी उद्योग विभाग को नहीं दी गई. वहीं मुख्यमंत्री ने इस पर सख्ती से पेश आने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आपदा के दौरान स्टोन क्रेशर को लेकर हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था और उसमें अपनी रिपोर्ट कॉपी है, जिसमें व्यास बेसन में कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा के स्टोन क्रेशर 131 के करीब पाए गए और इसमें हैरानी की बात है कि 63 स्टोन क्रेशर के पास प्लीज ही नहीं थी.
पूर्व की भाजपा सरकार ने आंखें बंद रखी थी और बिना लीज के ही प्रदेश में स्टोन क्रशर चल रहे थे. यह माइनिंग का बहुत बड़ा घोटाला है. बीते पांच साल में प्रदेश को 50 से 100 करोड़ का नुकसान इसकी वजह से हुआ है. अभी केवल 4 जिलों में ही स्टोन क्रशर की जांच की है और उसमें ही इतने क्रशर बिना अनुमति के चल रहे थे. अन्य जिलों में भी देखा जाएगा कि जो क्रेशर चल रहे है उनके पास लीज है यहां नहीं है.
प्रदेश में 63 स्टोन क्रशर बिना अनुमति के चल रहे थे. जिन्होंने किसी भी प्रकार की रियलिटी सरकार को नहीं दी. इसको लेकर सरकार सख्त है और विभाग को रियलिटी देने को कहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन स्टोन क्रेशर के पास लीज है. उन्हें खोलने के निर्देश दे दिए गए हैं और जिनकी थोड़ी बहुत कमियां है उनको दूर करने को कहा है.