Home >>Himachal Pradesh

Himachal: हिमाचल में मौसम ने बदला करवट, जमकर हुई बर्फबारी! फसलों को नुकसान

Himachal Pradesh Weather Update: हिमाचल में दोपहर में जोरदार ओलावृष्टि हुई. ओलावृष्टि इतनी तेज थी कि देखते ही देखते शिमला की सड़कें और घरों की छत्त ओलावृष्टि की सफेद चादर में लिपट गईं. 

Advertisement
Himachal: हिमाचल में मौसम ने बदला करवट, जमकर हुई बर्फबारी! फसलों को नुकसान
Stop
Muskan Chaurasia|Updated: Feb 21, 2023, 05:58 PM IST

Himachal Pradesh Weather: हिमाचल प्रदेश के शिमला में आज मौसम में करवट बदल ली. दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट बदल लिया. राज्य में दोपहर में जोरदार ओलावृष्टि हुई. ओलावृष्टि इतनी तेज थी कि देखते ही देखते शिमला की सड़कें और घरों की छत्त ओलावृष्टि की सफेद चादर में लिपट गईं. 

हिमाचल में साउथ एक्टर विजय देवरकोंडा ने फैंस के साथ गुजारी रात, बर्फबारी का उठाया लुत्फ

वहीं ओलावृष्टि और बारिश के चलते दोपहर बाद स्कूलों से घरों को लौटते हुए बच्चों को भी परेशानियां झेलनी पड़ी. सड़कों के साथ -साथ ओलों की सफेद चादर गाड़ियों पर भी बिछ गई. वहीं. रास्ते भी प्रभावित हुए.  इस बर्फबारी जहां कुछ लोगों को गर्मी में राहत मिली तो वहीं, आसपास के क्षेत्रों में ओलावृष्टि से किसानों की मटर, फूलगोभी सहित स्टोन फ्रूट और सेब की फसल को भी हल्का नुकसान हुआ है. 

फरवरी माह में हिमाचल प्रदेश में तापमान लगातार बढ़ रहा है. जहां हर साल इस समय कड़ाके की ठंड पड़ती थी, वहीं इस साल बढ़ता तापमान चिंता का विषय बना हुआ है. हिमाचल में इस साल 18 और 19 फरवरी को सबसे गर्म दिन के रूप में दर्ज किए गया. शिमला में जहां अधिकतम तापमान ने 16 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, तो वहीं कुल्लू के भुंतर और सोलन में तापमान ने 4 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. 

वहीं शिमला में इस सीजन के दौरान एक बार भी बर्फबारी नहीं हुई है. शहर के कुछे हिस्से को तो बर्फ ने मानो छूकर ही निकल गया. माना जा रहा है कि कम बर्फबारी होने से प्रदेश में इस बार गर्मी ज्यादा पड़ेगी.वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है इस बार सर्दी के सीजन में मौसम में काफी बदलाव देखने को मिले हैं. फरवरी महीने में ही तापमान में छह डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साथ ही न्यूनतम तापमान में भी बढोतरी हुई है. 

वहीं बिलासपुर हमीरपुर में कम बरसे बारिश
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में बारिश-बर्फबारी ना होने के कारण कई तरह के नुकसान भी झेलने को मिले. कृषि और बागवानी क्षेत्र के लोग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित इस समय होता है.  कृषि विभाग के जॉइंट डाइरेक्टर रघुवीर सिंह ने कहा कि बढ़ते तापमान के साथ गेहूं, आलू- मटर की फसल खराब होने का खतरा बन गया है. अगर तापमान ऐसा ही बना रहा और  तो  15 से 20 % फसलें खराब होने की संभावना है वहीं, पिछले वर्ष भी मार्च-अप्रैल में तापमान बढ़ने से अधिकतर गेहूं की फसल खराब हुई है. 

Watch Live

Read More
{}{}