Himachal News: हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात व बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है. वहीं, राज्य में आई इस आपदा से पूरी तरह जनजीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया है. ऐसे में सीपीआईएम ने प्रधानमंत्री से इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है. ताकि प्रदेश में हुए नुकसान को लेकर राहत राशि उपलब्ध हो और हिमाचल एक बार फिर पटरी पर लौट सके.
मीडिया से बात हुए सीपीआईएम के जिला सचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में भारी बरसात व बाढ़ से सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 8000 से अधिक का नुकसान आंका गया हैं. इस आपदा में 260 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवाई है. उन्होंने बताया कि 1400 से अधिक मकान ध्वस्त हुए हैं 8 हजार के करीब मकानों को नुकसान हुआ हैं.
हिमाचल प्रदेश का मुख्य पर्यटन कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. संपर्क मार्ग नेशनल हाईवे ठप होकर रह गए हैं किसान बागवान अपने नकदी फसलें मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. जिसके चलते किसानों और बागवानों को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज डीसी सिरमौर सुमित खिमटा के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा जा गया है. जिसमें प्रधानमंत्री से प्रदेश में आई इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी और छोटा राज्य है. यहां सीमित संसाधन होने की वजह से प्रदेश को इस आपदा से उभरने में कई वर्ष लग जाएंगे. इसलिए इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर प्रदेश को उचित सहायता प्रदान की जाए ताकि राहत और पुनर्वास का कार्य हो सके और प्रदेश फिर से विकास की ओर आगे बढ़ सके. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से भी आग्रह करते हुए कहा कि इस मुश्किल घड़ी में एक दूसरे का सहयोग करें ताकि प्रदेश को फिर से मुख्य धारा से जोड़ा जा सके.