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कोरोना-मंकीपॉक्स के बाद अब इस बीमारी ने मचाया हाहाकार,एयरलिफ्ट करवाए गए टीके,जानिए क्या है लक्षण

कोरोना और मंकीपॉक्स के बाद अब लंपी स्किन बीमारी ने लोगों को डरा रखा है.  आप भी जानिए कि इस बीमारी के क्या-क्या लक्षण हैं.

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कोरोना-मंकीपॉक्स के बाद अब इस बीमारी ने मचाया हाहाकार,एयरलिफ्ट करवाए गए टीके,जानिए क्या है लक्षण
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Zee News Desk|Updated: Aug 10, 2022, 07:00 PM IST

अमृता गर्ग: कोरोना और मंकीपॉक्स के डर से अभी देश आज़ाद नहीं हुआ था कि एक और बीमारी ने दहशत फैला दी है. हम बात कर रहे हैं लंपी स्किन बीमारी कि जिसने फिलहाल पशु पालुओं की नींद हराम कर रखी है.  13 राज्यों में इसका खौफ बना हुआ है और पंजाब उन्हीं में से एक है. आलम यह है कि अब पंजाब सरकार भी काफी सक्रिय हो गई है. इसके लिए हैदराबाद से एयरलिफ्ट करके गोट पॉक्स का टीका मंगवाया गया और तो और कैबिनेट मंत्री लालजीत भुल्लर भी जिलों का दौरा कर रहे हैं.  

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यह बीमारी कैसे फैल रही है, इसके मुख्य लक्षण क्या है, आइए हम आपको बताते हैं.
1. पहले जानवर को 105 से 107 तक तेज़ बुखार होता है.
2. उसके बाद जानवर के शरीर पर बड़े-बड़े दाने निकल आते हैं. 
3. फिर उन दानों से खून बहने लगता है. 
4. जानवर के पैर भी पूरी तरह सूज जाते हैं. 
5. जानवर ठीक से बैठ भी नहीं सकता. 
6. जानवर के मुंह से हर वक्त लार निकलती रहती है. 
7. जिसके बाद जानवर की मौत हो जाती है. 

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नाभा से डेयरी किसान दर्शन सिंह ने बताया कि डेयरी किसानों के  50-50 मवेशी इसक बीमारी की चपेट में आ गए हैं.  पशुपालकों के लाखों रुपये अब बर्बाद होने के कगार पर हैं.  इस बीमारी से क्षेत्र का हर गांव प्रभावित हुआ है, लेकिन किसी गांव में पशु चिकित्सक नहीं पहुंच रहे हैं. 

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सहौली के पशुपालन हरविंदर सिंह सहौली ने बताया कि यह जानलेवा बीमारी हमने पहली बार देखी है.  अब यह वायरस दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई सरकारी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा है. उन्होंने कहा कि हमारे मवेशी जो दूध देते थे वह लगभग साढ़े चार क्विंटल था, अब यह केवल एक क्विंटल ही रह गया है. दूसरी ओर, महंगी दवाओं से भी भारी नुकसान हो रहा है. 

एक तरफ सरकार किसानों को सहायक व्यवसाय करने के लिए कहती है, लेकिन दूसरी ओर वे बर्बादी के कगार पर हैं.  वह बताते हैं कि इस व्यवसाय के लिए लगभग 70 लाख रुपये खर्च किए गए हैं,  लेकिन यह बीमारी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है,  पशुपालकों ने मांग की कि हम दवाओं का खर्च खुद वहन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर कोई सरकारी डॉक्टर होना चाहिए. 

अब देखना यह होगा कि इसके बाद पंजाब सरकार द्वारा डॉक्टरों की टीम बनाकर इन क्षेत्र में भेजी जाएगी या नहीं वरना डेयरी किसानों को और नुकसान उठाना पड़ेगा,  लेकिन मौजूदा सरकार ने इस वायरस पर काबू नहीं पाया, तो भविष्य में दूध भी बड़े पैमाने पर महंगा हो जाएगा और लोग चाय के लिए भी तरसेंगे. 

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