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Child labour: पंजाब में 99 बाल श्रमिक मुक्त कराए गए, बाल मजदूरी खत्म कर बचपन बचाएं

Child labour: पहली बार विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून 2002 को अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा मनाया गया था. इस दिवस को मनाने का विशेष महत्व बाल श्रम को जड़ से खत्म करना है.  

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Child labour: पंजाब में 99 बाल श्रमिक मुक्त कराए गए, बाल मजदूरी खत्म कर बचपन बचाएं
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Riya Bawa|Updated: Jun 13, 2024, 08:37 AM IST

Child labour:  पंजाब में 99 बाल श्रमिकों को विभिन्न औद्योगिक इकाइयों और अन्य कार्यस्थलों से मुक्त कराया गया जहां वे मजदूर के रूप में काम कर रहे थे. श्रम विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि विभाग ने 11 से 21 जून तक बाल श्रम उन्मूलन सप्ताह अभियान के तहत लुधियाना और बठिंडा में छापेमारी की. 

जिला स्तरीय टीमों ने लुधियाना और बठिंडा में औद्योगिक इकाइयों और कार्यस्थलों पर छापेमारी की। इन टीमों में विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल थे. लुधियाना में 95 बाल श्रमिकों को विभिन्न औद्योगिक इकाइयों से मुक्त कराया गया और चार अन्य को एक होटल, एक दुकान और एक सड़क किनारे स्थित भोजनालय से मुक्त कराया गया। भाषा

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बाल मजदूरी या बाल श्रम
14 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे को किसी जोखिमपूर्ण रोजगार जैसे कारखाने या खान में काम करवाने को बाल मजदूरी या बाल श्रम कहते है. बच्चो से बाल मजदूरी करवाने का मुख्य कारण आर्थिक स्थिति और सामाजिक व्यवस्था है जिस कारण गरीब बच्चों को माता पिता के साथ मजदूरी करनी पड़ती है. संविधान के अनुच्छेद 24 के तहत इसे प्रतिबंधित किया गया है.

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 12 जून को 'विश्व बाल श्रम निषेध दिवस' 
पूरे विश्व में प्रत्येक वर्ष 12 जून को 'विश्व बाल श्रम निषेध दिवस' मनाया जाता है जिसका लक्ष्य बाल श्रम के विरुद्ध बढ़ते वैश्विक आंदोलन को गति प्रदान करना है. गरीबी बाल श्रम का प्रमुख कारण है, जिस कारण बच्चों को अपनी पढ़ाई छोड़कर काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.  दुःख की बात तो ये कि, बाल श्रम ज्यादातर गरीब देशों में प्रचलित हैं.

 

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