Hindi news >> Zee Hindustan>> ग्लोबल नजरिया

Explainer: क्या है चीन का 'मिशन मून- 2030', जिसके लिए चांद से लाई गई 2 किलो मिट्टी?

China Moon Mission 2030: चीन चांद की फार साइड से दो किलो मिट्टी लेकर आया है. ये चीन के मिशन मून 2030 को पूरा करने के लिए बड़ा कदम साबित हो सकता है. इस मिट्टी की चीन में जांच चल रही है. 

Advertisement
Explainer: क्या है चीन का 'मिशन मून- 2030', जिसके लिए चांद से लाई गई 2 किलो मिट्टी?
Ronak Bhaira|Updated: Jun 27, 2024, 05:59 PM IST

नई दिल्ली: China Moon Mission 2030: चीन चांद से दो किलो मिट्टी ले आया है. ये उपलब्धि पाने वाला चीन दुनिया का पहला देश बन गया है. यह मिट्टी चीन चांद के उस हिस्से से लाया है, जिस ओर अंधेरा रहता है. ये मिट्टी करीब 4 अरब साल पुरानी बताई जा रही है. चांद से मिट्टी लाना आसान नहीं है. चीन ने ड्रिलिंग और रोबोटिक आर्म्स के जरिये इस मिट्टी को इकट्ठा किया था. फिर इसे एक बड़े कैप्सूल में डालकर री-एंट्री व्हीकल की मदद से धरती पर लाया गया. लेकिन सवाल ये उठता है कि चीन चांद से जो मिट्टी लाया है, उसका क्या करेगा? इससे चीन को क्या फायदा होगा?

ये मिट्टी क्यों खास?
पहले तो ये जान लें कि ये कोई आम मिट्टी नहीं है. ये चांद के 'फार साइड' की मिट्टी है. फार साइड चांद का वो हिस्सा है, जो धरती से बिलकुल नजर नहीं आता. आमतौर पर चांद पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्री उस हिस्से में लैंड होते हैं, जो धरती से नजर आता है. लेकिन फार साइड चांद का ऐसा हिस्सा है, जिसके बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है. ऐसा माना जाता है कि चांद पर पानी फार साइड में है, बर्फ के रूप में. अगर ये बात सच साबित होती है तो चांद पर भी जीवन संभव हो सकता है. 
 
चीन को इस मिट्टी से क्या मिलेगा?
अब चीन इस मिट्टी से यह पता लगाना चाहता है कि चांद के 'फार साइड' में बर्फ है या नहीं. इसके अलावा इस मिट्टी से चीन ये भी पता लगाने का प्रयास करेगा कि चांद कैसे बना, इसका भौगोलिक इतिहास कैसा रहा है. यह रिसर्च साइंस की दुनिया में काफी बड़ी साबित हो सकती है. चीन ने एक ऐसा रोबोट भी बना रखा है, जिसका नाम 'चाइनीज सुपर मेशंस' है. ये रोबोट चांद की मिट्टी से ईंट बनाकर देखेगा. यदि ये सफल हो पाता है तो मुमकिन है कि भविष्य में चीन चांद पर कोई ढांचा खड़ा करे.

चीन का मिशन 2030
साल 2021 में चीन और रूस ने चांद पर एक इंटरनेशनल रिसर्च स्टेशन बनाने की डील की. चीन रूस के साथ मिलकर 2030 तक चांद पर एक न्यूक्लियर प्लांट बनाना चाहता है. माना जा रहा है कि चांद से मिट्टी लाना चीन का उसी दिशा में एक कदम है. रूस की स्पेस एजेंसी रॉस्कॉस्मॉस के प्रमुख यूरी बोरिसोव कह चुके हैं कि चांद पर न्यूक्लियर प्लांट बनाना कोई छोटा काम नहीं है, वो भी तब जब चांद पर इंसान नहीं भेजे जाएंगे. इस प्लांट का निर्माण मशीनों से ही किया जाएगा. वहीं, चीन साल 2030-33 तक चांद पर अंतरिक्ष यात्री भेजने की प्लानिंग भी कर रहा है.

ये भी पढ़ें- Sunita Williams: अंतरिक्ष में कैसे फंसी सुनीता विलियम्स, Elon Musk क्यों बने उम्मीद की किरण?

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

googletag.cmd.push(function() { googletag.display(interstitialSlot)})