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PM Modi ने मिस्र यात्रा में देखे गीजा के पिरामिड, जानें इसका इतिहास और खासियत

नरेन्द्र मोदी अपने तय कार्यक्रम से हटकर दुनिया के सात अजूबों में शामिल गीजा के पिरामिड देखने पहुंचे. इस रिपोर्ट में पीएम मोदी की उन झलकियां को देखिए, जब वो पिरामिड देखने पहुंचे थे. आपको इन पिरामिड से जुड़ी खास बाते भी समझाते हैं.

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PM Modi ने मिस्र यात्रा में देखे गीजा के पिरामिड, जानें इसका इतिहास और खासियत

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को तय कार्यक्रम से हटकर दुनिया के सात अजूबों में शामिल गीजा के पिरामिड देखने पहुंचे, जिसका निर्माण 4000 साल से भी पहले हुआ था. मिस्र के पिरामिड, ताजमहल या पेरिस में एफिल टावर जैसे दुनिया में सबसे ज्यादा लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में शामिल हैं.

दुनिया के सात अजूबों में शामिल गीजा के पिरामिड देखने पहुंचे मोदी
तीन पिरामिड में से सबसे बड़ा काहिरा के ठीक बाहर एक चट्टान पर बना ‘ग्रेट पिरामिड’ है, जिसकी ऊंचाई 146.5 मीटर है. इसका निर्माण उस समय मिस्र के फराओ खुफू ने करवाया था. नई दिल्ली में 13वीं सदी की शुरुआत में बनी कुतुब मीनार 72.5 मीटर ऊंची है. तीनों पिरामिड का निर्माण 2600 ईसा पूर्व और 2500 ईसा पूर्व के बीच प्राचीन साम्राज्य के चौथे राजवंश के शासन के दौरान किया गया था.

प्राचीन मिस्र के इतिहास को तीन मुख्य काल प्राचीन साम्राज्य (लगभग 2700 से 2200 ईसा पूर्व), मध्य साम्राज्य (2050 से 1800 ईसा पूर्व) और नया साम्राज्य (1550 से 1100 ईसा पूर्व) में विभाजित किया गया है.

जानिए प्राचीन मिस्र की पिरामिड से जुड़ी खास बातें और इनका इतिहास
प्राचीन मिस्र के साम्राज्यों पर सर्वशक्तिमान फराओ या राजाओं का शासन था, जिन्हें दैवीय शख्सियतों के रूप में देखा जाता था. वे अपने शासन और विरासत को अमर बनाने के लिए, मंदिरों सहित शानदार निर्माण परियोजनाओं में शामिल रहे. खुफू के पूर्ववर्तियों ने भी छोटे पिरामिड बनवाए, लेकिन वे अपूर्ण संरचनाएं थीं, जो अब खंडहर हो चुकी हैं.

खुफू का ‘ग्रेट पिरामिड’ अपनी कलात्मकता, आकार और रूपरेखा के लिए उल्लेखनीय है. फराओ द्वारा पिरामिड का निर्माण अपने मकबरे के रूप में किया जाता था, जिसमें उन्हें सोने के आभूषणों और सजावट की अनगिनत संपत्ति के साथ इस विश्वास के साथ दफनाया जाता था कि उन्हें बाद के जीवन में उनकी आवश्यकता होगी.

आधुनिक इमारतों के बनने से पहले ‘ग्रेट पिरामिड’ 4,000 से अधिक वर्षों तक दुनिया की सबसे ऊंची संरचना थी. अन्य दो पिरामिड 136.4 मीटर ऊंचे और 65 मीटर ऊंचे हैं, जो क्रमश: फराओ खफरे और फराओ मेक्योर के हैं. लगभग तीन टन वजन वाले विशाल पत्थर के खंड से बने पिरामिड, एकमात्र प्राचीन आश्चर्य हैं, जो काफी हद तक मूल स्वरूप में बरकरार हैं. काहिरा शहर के ठीक बाहर, गीजा नेक्रोपोलिस या कब्रिस्तान में स्थित, पिरामिड मानव सभ्यता में एक गौरवशाली समय का प्रतीक हैं.

हर साल पिरामिड देखने आते हैं दुनिया भर से लाखों पर्यटक
गीजा के पिरामिड और आधे मानव-आधे शेर की आकृति वाले स्फिंक्स समेत मेम्फिस क्षेत्र के प्राचीन खंडहर को सामूहिक रूप से 1979 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था. हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक पिरामिड देखने आते हैं. अमेरिका की सफल राजकीय यात्रा के बाद, मोदी मिस्र की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दूसरे दिन पिरामिड को देखने पहुंचे. मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली पिरामिड की यात्रा के दौरान मोदी के साथ थे.

प्रधानमंत्री ने यात्रा के बाद ट्वीट किया, ‘‘मैं पिरामिड की यात्रा पर मेरे साथ आने के लिए प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली को धन्यवाद देता हूं. हमने अपने राष्ट्रों के सांस्कृतिक इतिहास और आने वाले समय में इन संबंधों को कैसे गहरा किया जाए, इस पर गहन चर्चा की.’’

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