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Explainer: मोहम्मद यूनुस मानें या न मानें... भारत से संबंध बांग्लादेश की मजबूरी, जानें क्यों?

Muhammad Yunus Bangladesh and India Relations: मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश के नए मुखिया बन गए हैं. उनका स्टैंड भारत विरोधी रहा है. लेकिन बांग्लादेश को चलाने के लिए उन्हें भारत के समर्थन की आवश्यकता होगी. बांग्लादेश की निर्भरता कई चीजों के लिए भारत पर है. यूनुस नहीं चाहेंगे कि दोनों देशों के व्यापारिक संबंध बिगड़ें.

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Explainer: मोहम्मद यूनुस मानें या न मानें... भारत से संबंध बांग्लादेश की मजबूरी, जानें क्यों?

नई दिल्ली: Muhammad Yunus Bangladesh and India Relations: बांग्लादेश में निजाम बदल चुका है. शेख हसीना की सरकार जाने के बाद नोबेल पीस प्राइज विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी है. मोहम्मद यूनुस का स्टैंड भारत विरोधी रहा है, जबकि पूर्ववर्ती हसीना सरकार भारत के पक्ष में रही है. अंतर्राष्ट्रीय पटल पर ऐसा माना जा रहा है कि मोहम्मद यूनुस भारत का सहयोग नहीं करेंगे. लेकिन भारत और बांग्लादेश का द्विपक्षीय व्यापार काफी मजबूत है. दोनों देशों को एक-दूसरे की जरूरत है. मोहम्मद यूनुस को भी बांग्लादेश को चलाने के लिए भारत के सहयोग की जरूरत पड़ेगी.

दोनों देशों के बीच 1.18 लाख करोड़ रुपये का व्यापार
विदेश मंत्रालय की वेबसाइट उपलब्ध आंकड़े कहते हैं कि वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों (भारत और बांग्लादेश) के बीच 14 बिलियन डॉलर यानी भारतीय करेंसी के हिसाब से 1.18 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ. भारत और बांग्लादेश के बीच न सिर्फ अनाज बल्कि सब्जी, कपड़ा और बिजली का आयात-निर्यात भी होता है. भारत का आयात बांग्लादेश से मात्र 2 बिलियन डॉलर है. जबकि निर्यात 12 बिलियन डॉलर है. एशिया में बांग्लादेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. जबकि साउथ एशिया में बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है.

बांग्लादेश की भारत पर बिजली के लिए निर्भरता
भारत बांग्लादेश को जो चीजें निर्यात करता है, उनमें बिजली, कपास, धागा, पेट्रोलियम उत्पाद, अनाज और ऑर्गेनिक-इनऑर्गेनिक केमिकल है. खासकर बिजली के लिए बांग्लादेश की निर्भरता भारत पर है. भारत ने बांग्लादेश को बिजली देने के लिए प्लांट तक लगाए हैं. NTPC ने बांग्लादेश में 1320 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित कर रखा है. ऐसे में मोहम्मद यूनुस नहीं चाहेंगे कि बांग्लादेश में अंधेरा हो, लिहाजा वे अच्छे संबंध बनाने के प्रयास करेंगे. यूनुस दुनिया के नामी अर्थशास्त्रियों में से एक हैं. गुणा-भाग में वे नुकसान बिलकुल नहीं झेलना चाहेंगे.

1971 में भारत ने दिया बांग्लादेश का साथ
भारत का बांग्लादेश के साथ पुराना रिश्ता रहा है. ये कहना भी गलत नहीं होगा कि भारत ने बांग्लादेश पर कई अहसान किए हैं. साल 1971 में जब पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम चल रहा था, तब भारत ने हस्तक्षेप किया. बांग्लादेश के साथ भारत मजबूती से खड़ा था. यदि भारत बांग्लादेश के पक्ष में स्टैंड नहीं लेता तो मुमकिन है कि बांग्लादेश बनता भी नहीं. 

यूनुस अमेरिका के समर्थक, अमेरिका भारत के पक्ष में
बांग्लादेश के नए मुखिया मोहम्मद यूनुस अमेरिका के समर्थक रहे हैं. उन्हें 'America's Man' भी कहा जाता है. यूनुस को रैमन मैग्सेसे अवॉर्ड भी मिल चुका है. इस अवॉर्ड की फंडिंग अमेरिका का एक नामी फॉर्ड फाउंडेशन करता है. भारत के संबंध अमेरिका से अच्छे हैं. यदि अमेरिका चाहे कि भारत और बांग्लादेश के सहज संबंध बने रहें तो मोहम्मद यूनुस इसमें रोड़ा नहीं बनेंगे. वे खुद इसके लिए भरसक प्रयास करेंगे.

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