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तुर्की से भारत आ रहा जहाज हुआ हाइजैक, जानें किसने की ये हिमाकत?

Turkey to India Ship Hijack: हूती विद्रोहियों ने पहले ही ये चेतावनी जारी कर दी थी कि इजरायल से चलने वाले सभी जहाजों को टारगेट किया जाएगा. तुर्की से भारत आ रहे एक जहाज को यमन के हूती विद्रोही संगठन ने हाईजैक कर लिया है.

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तुर्की से भारत आ रहा जहाज हुआ हाइजैक, जानें किसने की ये हिमाकत?

नई दिल्ली: Turkey to India Ship Hijack: तुर्की से भारत आ रहे एक जहाज को यमन के एक विद्रोही संगठन ने हाईजैक कर लिया है. हाईजैक किए गए कार्गो शिप में 25 क्रू मेंबर्स हैं. इस शिप का नाम गैलेक्सी लीडर है. इसे हूती विद्रोहियों ने अपने कब्जे में किया है. उन्होंने इसे हाईजैक करने से पहले ही चीतावनी भी दी थी. 

क्या बोले विद्रोही
हूती विद्रोहियों ने पहले ही ये चेतावनी जारी कर दी थी कि इजरायल से चलने वाले सभी जहाजों को टारगेट किया जाएगा. हूती मिलिट्री के प्रवक्ता याह्या सारी ने कहा है कि जहाज में मौजूद सभी होस्टेजेज का इस्लामिक उसूलों और तौर-तरीके व्यवहार किया जा रहा है. विद्रोहियों ने फिर से लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाने की धमकी दी है. इस जहाज को दक्षिणी लाल सागर से यमन के बंदरगाह पर ले जाया जाएगा.

नेतन्याहू बोले- जहाज हमारा नहीं 
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि यह जहाज हमारा नहीं है. इस जहाज में न तो इजरायली सैनिक सवार हैं और न ही भारतीय. नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि ईरान का यह एक और आतंकवादी कृत्य है. यह वैश्विक शिपिंग मार्गों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर रहा है. 

हमास ने शुक्रिया अदा किया
हमास के प्रतिनिधि ओसामा हमदान ने भी इस पर अपनी राय रखी है. हमदान ने कहा कि यमन के विद्रोही संगठन हूती ने यह स्वागत योग्य कदम उठाया है. इजरायल गाजा में जो अपराध कर रहा है, वह हर वफादार को फिलिस्तीनी लोगों की रक्षा करने के लिए उत्सुक कर रहा है. लेबनान और इराक में भी लोगों ने इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन किया. जो लोग अरब मुल्कों और दूसरे इस्लामी देशों में इजरायल के खिलाफ सडकों पर उतरे, उनका शुक्रिया. 

कौन हैं हूती विद्रोही
2014 में यमन में शिया-सुन्नी विवाद के चलते गृह युद्ध हुआ. शिया विद्रोही सुन्नी सरकार के खिलाफ हो गए. राष्ट्रपति अब्दरब्बू मंसूर हादी देश में स्थिरता चाह रहे थे, लेकिन उसी समय सेना दो फाड़ हो गए. अलगाववादी हूती दक्षिण में लामबंद हो गए. गृह युद्ध में हूती विद्रोहियों को शिया बहुल देश ईरान ने समर्थन किया. सुन्नी बहुल देश सउदी अरब ने सरकार का समर्थन किया. 2015 में हूती विद्रोहियों ने सरकार को निर्वासन में जाने को मजबूर कर दिया.

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