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चीन को लगने वाला है तगड़ा झटका, वियतनाम में शुरू होगा एप्पल मैकबुक का प्रोडक्शन?

एप्पल कंपनी साल 2023 के मध्य तक वियतनाम में मैकबुक का उत्पादन शुरू कर सकता है. इसे चीन के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है.

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चीन को लगने वाला है तगड़ा झटका, वियतनाम में शुरू होगा एप्पल मैकबुक का प्रोडक्शन?

नई दिल्ली: एप्पल 2023 के मध्य तक वियतनाम में मैकबुक का उत्पादन शुरू करने की योजना बना रहा है, दिग्गज कम्पनी एप्पल का कहना है कि वह अब चीन के बाहर भारत सहित अन्य देशों में अपने उत्पादन आधार में विविधता लाना चाहता है, मीडिया ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

अन्य देशों में शुरू होगा मैकबुक का प्रोडक्शन
सूत्रों के हवाले से निक्केई एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, टेक जायंट ने अपने शीर्ष आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में मई के शुरू में मैकबुक बनाना शुरू करने के लिए टैप किया है. रिपोर्ट के अनुसार, आईफोन निर्माता का लक्ष्य कोविड लॉकडाउन के बीच प्रमुख उत्पादों के लिए 'चीन से बाहर' उत्पादन विकल्प रखना है, जिसने इसकी आपूर्ति श्रृंखला को बाधित किया है.

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि एप्पल ने अगले साल पहली बार कुछ मैकबुक उत्पादन को वियतनाम में स्थानांतरित करने की योजना बनाई है क्योंकि यह वाशिंगटन और बीजिंग के बीच बढ़ते तकनीकी तनाव के बीच चीन से दूर अपने उत्पादन आधार में विविधता लाना चाहता है. काउंटरपॉइंट रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, फॉक्सकॉन का लक्ष्य भारत, वियतनाम और ब्राजील में अपनी क्षमता का 30 प्रतिशत तक स्थानांतरित करना है.

काउंटरपॉइंट की रिपोर्ट में कही उत्पादन की बात
यह चीन में झेंग्झौ संयंत्र में हाल ही में व्यवधान से पहले भारत और वियतनाम में उच्च उत्पादन क्षमता विकसित कर चुका था. सितंबर 2022 तक, वियतनाम में 21 एप्पल आपूर्तिकर्ता थे. काउंटरपॉइंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि जब स्मार्टफोन उत्पादन की बात आती है, तो भारत में विनिर्माण 2022 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में 16 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) बढ़कर 44 मिलियन यूनिट से अधिक हो गया.

ताइवान के असेंबलरों पर निर्भरता कम करने का प्लान!
इससे पहले, द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि फॉक्सकॉन के नेतृत्व में ताइवान के असेंबलरों पर निर्भरता कम करने के लिए एप्पल आपूर्तिकर्ताओं को एशिया, विशेष रूप से भारत और वियतनाम में एप्पल उत्पादों को इकट्ठा करने के लिए सक्रिय रूप से योजना बनाने के लिए कह रहा है. मार्केट रिसर्च फर्म सीएमआर के मुताबिक, भारत में घरेलू आईफोन मैन्युफैक्च रिंग का योगदान 2019 में 50 फीसदी से बढ़कर 2021 में 73 फीसदी हो गया.

इस बीच, भारत में आयातित आईफोन का प्रतिशत 2019 में 50 प्रतिशत से घटकर 2020 में 45 प्रतिशत, 2021 में 27 प्रतिशत और इस वर्ष लगभग 15 प्रतिशत हो गया- जो एप्पल के लिए मेक इन इंडिया के उछाल को दर्शाता है. विश्लेषक मिंग-ची कूओ के अनुसार, एप्पल का लक्ष्य वर्तमान में एकल-अंक प्रतिशत की तुलना में भारत से 40-45 प्रतिशत आईफोन को शिप करना है.
(इनपुट: आईएएनएस)

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