महाभारत का एक किस्सा है. घृतराष्ट्र हर हाल में अपने पुत्र दुर्योधन को राजा बनाना चाहते हैं. तभी शकुंतला पुत्र भरत महाराज घृतराष्ट्र से मिलने सपने में आते हैं. और घृतराष्ट्र के इस कदम का विरोध करते हैं. इस दौरान वह खुद का उदाहरण देते हुए बताते हैं कि कैसे मैंने अपने पुत्रों को राजमुकुट न सौंपकर भरद्वाज पुत्र भुमन्यु को राजा चुना था. आज कमोबेश वैसी ही स्थिति महाराष्ट्र की राजनीति में दिखाई दे रही है. अब सवाल उठता है के क्या शरद पवार अपनी गद्दी के लिए राजा भरत की तरह कदम उठाएंगे या संतान मोह में फंस जाएंगे.