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Millet Roti: शुगर से लेकर ब्लड प्रेशर रहेगा कंट्रोल, बस गेहूं की जगह इस अनाज का कर लें इस्तेमाल

Millet Roti Recipe: डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए हम कुछ घरेलु नुस्खे अपनाते हैं. अगर आप भी गेंहू का आटा बदल लें, तो इस बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं.

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Millet Roti: शुगर से लेकर ब्लड प्रेशर रहेगा कंट्रोल, बस गेहूं की जगह इस अनाज का कर लें इस्तेमाल
Ansh Raj|Updated: Dec 22, 2023, 08:32 AM IST

Millet Roti: भागदौड़ भरी जिंदगी और रोजमर्रा के काम में इंसान थक ही जाता है. इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण तमाम बीमारी इंसान को घेर लेती है और बीमारी भी कर देती है. कड़ाके की सर्दी भी पड़नी शुरू हो गई है. इन दिनों खराब खाने-पीने के कारण भी बहुत सी बीमारी हो जाती है.  

ब्लड प्रेशर और शुगर
ब्लड प्रेशर और शुगर भी आज के समय में बहुत से लोगों को हो गया है. इस जानलेवा बीमरी से भी बहुत से लोग जूझ रहे हैं.  बता दे कि शुगर के कारण शरीर कमजोर हो जाता है और इम्युनिटी कम हो जाती है. शुगर को जड़ से खत्म करने का कोई भी इलाज नहीं है, लेकिन आप अपनी डाइट का ख्याल रख कर इस जानलेवा बीमारी से खुद को बचा सकते हैं या कहें कि आप अपनी शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि कैसे आप  गेंहू के आटे की जगह कुछ महत्वपूर्ण  अनाजों के आटे की रोटी खाएंगे तो इससे उनका स्वाद भी बदल जाएगा और सेहत भी सुधर जाएगी.

रागी का आटा 
रागी या मंडुए के आटे में शुगर लेवल को कम करने के सभी गुण मौजूद हैं. रागी में कैल्शियम, आयरन के साथ फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती है, इसे खाने पेट लंबे समय तक भरा रहता है और भूख कम लगती है. पहाड़ों में मिलने वाला ऑर्गनिक रागी आटा शुगर मरीजों को जल्दी से तंदुरुस्त बना सकता है. रागी के आटे से रोटी के अलावा, चीला, हलवा और लड्डू भी बनाया जाता है.

जौ का आटा 
जौ का आटा हमारे पूर्वजों के खान पान का सबसे जरूरी हिस्सा था.  विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, आयरन, मैग्नीशियम के साथ कैल्शियन और प्रोटीन से भरपूर जौ का आटा डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जौ ताकत देता है और इम्युनिटी भी बढ़ाता है. जौ में फाइबर की मात्रा भी भरपूर होती है जो पेट की बीमारियों को भी दूर करता है.

रामदाने का आटा 
रामदाना सेहत के लिए वरदान है. कुछ लोग इसे राजगिरा या अमरंथ के नाम से भी जानते हैं. ज्यादातर लोग इसे व्रत में खाते हैं. लेकिन शुगर पेशेंट को यह आटा केवल व्रत के दिन ही नहीं बल्कि रोज खाना चाहिए. यह जितना शुद्ध माना जाता है उतना ही पौष्टिक भी होता है. कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले रामदाना के आटे में कार्बोहाइड्रेट की कम मात्रा होती है. यह आटा शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है और आपको सेहतमंद बना सकता है. अगर आप इस आटे की रोटी नहीं खाना चाहते हैं तो चीला या लड्डू बनाकर भी इसे अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं.

Disclaimer
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.

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