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7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की हुई बल्ले-बल्ले! सैलरी में होगी भारी बढ़ोतरी, इस राज्य सरकार ने दी खुशखबरी

Seventh Pay Commission Effective! कर्नाटक में 1 अगस्त से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी, जिससे राज्य के सात लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा. मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र के दौरान वेतन वृद्धि की घोषणा करेंगे.

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7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की हुई बल्ले-बल्ले! सैलरी में होगी भारी बढ़ोतरी, इस राज्य सरकार ने दी खुशखबरी

7th Pay Commission, Salary Hiked: कर्नाटक कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 अगस्त से लागू करने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र के दौरान सात लाख से ज्यादा राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा करने वाले हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह बताया.

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर बोलते हुए कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, 'सातवां वेतन आयोग लोगों की मांगों में से एक था और यह हमारे घोषणापत्र में भी था. कल हमने इसे कैबिनेट में लाया और इससे राज्य के करीब 14 से 15 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा...'

सरकारी खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा?
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मुख्य सचिव के सुधाकर राव की अध्यक्षता में गठित सातवें वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में 27.5 प्रतिशत की वृद्धि का सुझाव दिया है, जिससे सरकारी खजाने पर सालाना 17,440.15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने की उम्मीद है.

यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब सिद्धारमैया सरकार पर वेतन वृद्धि को मंजूरी देने का दबाव था, खासकर तब जब कर्नाटक राज्य सरकारी कर्मचारी संघ ने कहा था कि वह अगस्त में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करेगा.

सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि, 'मार्च 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कर्मचारियों को अंतरिम 17 प्रतिशत वेतन वृद्धि दी थी, जिसमें सिद्धारमैया प्रशासन 10.5 प्रतिशत की वृद्धि को जोड़ सकता है, जो 7वें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार मूल वेतन पर 27.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी.'

महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा से घाटा
इससे पहले 15 जुलाई को कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) ने भारी वित्तीय घाटे का हवाला देते हुए बस किराए में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखने की योजना बनाई थी. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन महीनों में केएसआरटीसी ने 295 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है, जिसका मुख्य कारण शक्ति योजना है, जिसके तहत कर्नाटक में महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा दी जाती है.

KSRTC के चेयरमैन एसआर श्रीनिवास ने कहा, 'आखिरी बार बस टिकट की कीमत में बढ़ोतरी 2019 में हुई थी. तब से पांच साल हो गए हैं, कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण किराए में बढ़ोतरी अपरिहार्य है. वेतन बढ़ाने और कर्मचारियों को लाभ प्रदान करने के लिए दरों को समायोजित करना आवश्यक है.' उन्होंने यह भी कहा कि केएसआरटीसी कर्मचारियों के लिए वेतन संशोधन 2020 में किया गया था, जबकि अगला संशोधन 2024 के लिए निर्धारित है.

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