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विश्व कप फाइनल हारने के बाद ड्रेसिंग रूम में रोए थे विराट-रोहित, दिग्गज ने सुनाई उस रात की कहानी

भारत की हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय ड्रेसिंग रूम में गए थे और उन्होंने रोहित और कोहली का हौसला बढ़ाने की कोशिश की थी. लेकिन अश्विन ने कहा कि ड्रेसिंग रूम का माहौल दिल तोड़ने वाला था.

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विश्व कप फाइनल हारने के बाद ड्रेसिंग रूम में रोए थे विराट-रोहित, दिग्गज ने सुनाई उस रात की कहानी

नई दिल्लीः ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि हाल में वनडे विश्व कप के अहमदाबाद में खेले गए फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ड्रेसिंग रूम में अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए थे. ऑस्ट्रेलिया ने 19 नवंबर को खेले गए फाइनल में भारत को 6 विकेट से हराकर अपना छठा वनडे विश्व कप खिताब जीता था. 

पीएम मोदी गए ड्रेसिंग रूम
भारत की हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय ड्रेसिंग रूम में गए थे और उन्होंने रोहित और कोहली का हौसला बढ़ाने की कोशिश की थी. लेकिन अश्विन ने कहा कि ड्रेसिंग रूम का माहौल दिल तोड़ने वाला था. अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर पूर्व क्रिकेटर सुब्रमण्यम बद्रीनाथ के साथ बातचीत करते हुए कहा,‘‘हां, हम दर्द महसूस कर रहे थे. रोहित और विराट की आंखों में आंसू थे और यह देखकर बहुत बुरा लग रहा था. कुछ भी हो ऐसा नहीं होना चाहिए था. यह टीम बेहद अनुभवी थी और हर कोई जानता है था कि क्या करना है.’’ 

रोहित ने सभी को प्रभावित किया
भारत भले ही विश्व कप नहीं जीत पाया लेकिन कोहली और रोहित ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया. अश्विन ने एक बल्लेबाज और कप्तान के रूप में रोहित की प्रशंसा की. उन्होंने कहा,‘‘अगर आप भारतीय क्रिकेट पर गौर करो, तो हर कोई यही कहेगा कि महेंद्र सिंह धोनी सर्वश्रेष्ठ कप्तान है, लेकिन रोहित शर्मा भी बेजोड़ इंसान है, वह टीम में शामिल प्रत्येक खिलाड़ी के बारे में अच्छी समझ रखता है.’’ 

अश्विन ने कहा,‘‘उसे प्रत्येक खिलाड़ी की पसंद और नापसंद का पता है और उसकी समझ बहुत अच्छी है. प्रत्येक खिलाड़ी को अच्छी तरह से समझने के लिए वह अपनी तरफ से प्रयास करता है.’’ अश्विन ने पूरे विश्व कप में केवल एक मैच खेला. वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के पहले मैच में चेन्नई में खेले थे जिसमें उन्होंने 34 रन देकर एक विकेट लिया था. अश्विन से पूछा गया कि रोहित ने उन्हें फाइनल में अंतिम एकादश में शामिल क्यों नहीं किया तो उन्होंने कप्तान का समर्थन किया और कहा कि विजयी टीम में बदलाव करना आसान नहीं होता है. 

उन्होंने कहा,‘‘जहां तक मेरा फाइनल में खेलने का सवाल है तो टीम का संयोजन महत्वपूर्ण होता है बाकी चीज बाद में आती हैं. यह किसी और की जगह खड़े होकर चीजों को उसके नजरिए से देखने से जुड़ा है. अगर मैं रोहित की जगह होता तो मैं भी लगातार जीत हासिल कर रही टीम में बदलाव करने से पहले 100 बार सोचता.’’ अश्विन ने कहा,‘‘टीम में सब कुछ सही चल रहा था तो फिर क्यों एक तेज गेंदबाज को विश्राम देकर तीन स्पिनरों को खिलाया जाए. ईमानदारी से कहूं तो मैं रोहित की सोच को समझता था. फाइनल में खेलना बड़ी बात होती और मैं इसके लिए तैयार था लेकिन इसके साथ ही मैं बाहर बैठकर टीम का हौसला बढ़ाने और खिलाड़ियों तक पानी पहुंचाने के लिए भी तैयार था.

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