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कभी भारत के लिये बनाये थे 114 की औसत से रन, अब पैसे-पैसे का हुआ मोहताज, तेंदुलकर पर किया बड़ा खुलासा

Sachin Tendulkar Childhood Friend: भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में शामिल रहे पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली ने हाल ही में एक ऐसा इंटरव्यू दिया है जिसने खेल जगत में सनसनी फैला दी है. 90 के दशक में खेलने वाले बल्लेबाजों में कांबली का नाम काफी मशहूर था जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत ही बेहतरीन अंदाज में की थी.

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कभी भारत के लिये बनाये थे 114 की औसत से रन, अब पैसे-पैसे का हुआ मोहताज, तेंदुलकर पर किया बड़ा खुलासा

Sachin Tendulkar Childhood Friend: भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में शामिल रहे पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली ने हाल ही में एक ऐसा इंटरव्यू दिया है जिसने खेल जगत में सनसनी फैला दी है. 90 के दशक में खेलने वाले बल्लेबाजों में कांबली का नाम काफी मशहूर था जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत ही बेहतरीन अंदाज में की थी. विनोद कांबली ने अपने करियर के पहले 7 टेस्ट मैचों में 113.29 की औसत से 793 रन बनाये थे, जिसमें 2 दोहरे शतक भी शामिल थे.

सिर्फ बोर्ड की पेंशन से चल रहा है घर

हालांकि कांबली जिस तरह की लाइफस्टाइल से जीते थे उसने उन्हें खेल से भटकाने का काम किया. भारतीय चयनकर्ताओं ने कांबली को 9 बार वापसी करने का मौका दिया लेकिन जब वो कामयाब नहीं हो सके तो चयन समिति ने टीम के दरवाजे इस बायें हाथ के बल्लेबाज के लिये बंद कर दिये. कांबली ने मिड डे को दिये अपने इंटरव्यू में कहा है कि मौजूदा समय में उनके पास सिर्फ एक ही आय का साधन है जो कि बीसीसीआई से मिलने वाली ₹30000 की पेंशन हैं और वो इसके लिये शुक्रगुजार हैं. काबंली ने आगे कहा कि वो अपना परिवार चलाने के लिये क्रिकेट से जुड़े काम भी ढूंढ रहे हैं.

काम की तलाश कर रहे हैं कांबली

उन्होंने कहा,'मैं एक रिटायर्ड क्रिकेटर हूं जो कि पूरी तरह से बीसीसीआई की ओर से मिलने वाली पेंशन पर निर्भर है. मेरी आय का एकमात्र सोर्स फिलहाल बोर्ड है जिसके लिये मैं उसका शुक्रगुजार हूं. इससे मेरे परिवार का खर्च चलता है. मुझे काम चाहिये, जहां पर मैं युवाओं के साथ काम कर सकूं. मुझे पता है कि मुंबई की टीम ने अमोल मजूमदार को हेड कोच के रूप में रिटेन किया है, लेकिन उन्हें अगर किसी और चीज में मेरी दरकार है तो मैं उपलब्ध हूं. हम साथ खेले हैं और एक अच्छी टीम रहे हैं. मैं बस उन्हें यही करते हुए देखना चाह रहा हूं, एक टीम के रूप में खेलते देखना.'

कांबली ने आगे बात करते हुए कहा कि वो एमसीए (मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन) से काफी समय से मदद की मांग कर रहे थे जिसके बाद उन्हें सीआईसी (क्रिकेट सुधार समिति) में  जगह दे दी गई लेकिन यह सिर्फ ऑनररी जॉब थी. कांबली ने कहा कि परिवार चलाने के लिये मैंने कई बार एमसीए से मदद की गुहार लगाई है फिर चाहे वो वानखेड़े में हो या फिर बीकेसी स्टेडियम में. मैं मुंबई क्रिकेट को वो लौटाना चाहता हूं जो उसने मुझे दिया है. 

सचिन तेंदुलकर को पता है उनकी खराब माली हालत

गौरतलब है कि विनोद कांबली थोड़े-थोड़े समय के लिये कई बार कोचिंग करते नजर आये हैं. साल 2019 में वो मुंबई टी20 लीग के कोच बने थे जहां पर उन्होंने तेंदुलकर मिडलसेक्स ग्लोबल अकैडमी के युवा बच्चों को गाइड किया था. हालांकि नेरुल उनके घर से बहुत दूर होने के चलते उन्हें शारीरिक रूप से काफी थकान होती थी, इसे देखते हुए उन्होंने उस जॉब को छोड़ दिया. कांबली ने अपने बचपन के दोस्त सचिन तेंदुलकर के बारे में भी बात करते हुए कहा कि सचिन को उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में सबकुछ पता है लेकिन वो उन पर उम्मीदों का बोझ नहीं डालना चाहते हैं.

उन्होंने कहा,'वो सबकुछ जानता है, लेकिन मैं उससे कुछ भी उम्मीद नहीं कर रहा. उसने टीएमजीए का काम दिया था. मैं काफी खुश था, वो मेरा काफी अच्छा दोस्त रहा है. वो हमेशा मेरे लिये खड़ा रहा है. मैं शारदाश्रम स्कूल जाउंगा जहां पर टीम के साथ मिलने पर खाना खाउंगा. ये वही जगह है जहां पर सचिन मेरा दोस्त बना था. मैं काफी गरीब परिवार से आता हूं.' 

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