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जंतर-मंतर पर नहीं तो अब कहा होगा पहलवानों का प्रदर्शन? जानें 3 बड़ी बातें

रेसलर्स का विरोध-प्रदर्शन दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर शिफ्ट हो सकता है. सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि हो सकता है कि रेसलर्स अब अपना विरोध दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर शिफ्ट कर दें.

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जंतर-मंतर पर नहीं तो अब कहा होगा पहलवानों का प्रदर्शन? जानें 3 बड़ी बातें

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर से पहलवानों के महीने भर से चले आ रहे विरोध के लिए रखे गए सभी सामान हटा लिए. सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि हो सकता है कि रेसलर्स अब अपना विरोध दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर शिफ्ट कर दें. पहलवान यौन दुराचार के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के विरोध में जंतर-मंतर पर एक महीने से विरोध कर रहे थे. इससे पहले सोमवार को डीसीपी नई दिल्ली ने अपनी बात कहने के लिए एक ट्वीट साझा किया.

जंतर-मंतर पर पहलवानों का आना होगा मुश्किल
पहलवानों का धरना जंतर मंतर पर सुचारू रूप से चल रहा था. कल प्रदर्शनकारियों ने उनके सभी अनुरोधों के बावजूद कानून का उल्लंघन किया. इसलिए, चल रहे धरने को समाप्त कर दिया गया है. यदि पहलवान भविष्य में फिर से धरना-प्रदर्शन के लिए आवेदन देते हैं, तो उन्हें कहीं और अपना विरोध जताने के लिए इजाजत दी जाएगी.

साफ है कि पहलवानों के लिए फिर से जंतर-मंतर पर आना मुश्किल होगा. हालांकि, संपर्क करने पर इन शीर्ष पहलवानों ने कहा कि वे अपने 'सीनियर' के साथ बातचीत कर रहे हैं और जल्द ही आगे की योजना बताएंगे. इस बीच, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि किसानों के आंदोलन की तरह विरोध दिल्ली की सीमाओं पर शिफ्ट हो सकता है. एक सूत्र ने कहा, अब जब किसान और खाप भी विरोध में शामिल हो गए हैं, तो पहलवान अपने फैसले खुद नहीं ले सकते. वे अपने 'बुजुर्ग' (वरिष्ठ) के फैसले का इंतजार करेंगे.

'प्रदर्शकारियों ने किया कानून का उल्लंघन'
दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को उनके धरनास्थल से हटाए जाने के एक दिन बाद सोमवार को कहा कि उन्हें जंतर-मंतर को छोड़कर किसी अन्य उपयुक्त स्थल पर प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी. पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) ने ट्वीट किया, 'कुश्ती पहलवानों का धरना और प्रदर्शन निर्बाध तरीके से जंतर-मंतर पर चल रहा था. कल (रविवार को), प्रदर्शकारियों ने तमाम आग्रह और अनुरोध के बावजूद कानून का उन्मादी तरीके से उल्लंघन किया. अतः चल रहे धरने को समाप्त करा दिया गया है.'

उन्होंने कहा, 'यदि कुश्ती पहलवान भविष्य में दोबारा धरना प्रदर्शन की अनुमति की अर्जी लगाते हैं, तो उन्हें जंतर-मंतर के अलावा अन्य उपयुक्त, सूचित स्थानों में से किसी जगह अनुमति दी जाएगी.' इससे पहले सुरक्षा बलों ने पहलवानों को नए संसद भवन के उद्घाटन के बीच उसकी ओर मार्च करने से रोकने की कोशिश की, जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई.

जंतर-मंतर पर फिर से प्रदर्शन की अनुमति नहीं
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दंगा करने और सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा पैदा करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर को खाली करा दिया, जहां पहलवान एक महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे थे. पुलिस ने कहा कि पहलवानों को जंतर-मंतर पर फिर से प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

पुलिस ने बताया कि जंतर-मंतर पर तीनों पहलवानों समेत 109 प्रदर्शनकारियों सहित पूरी दिल्ली में 700 लोगों को हिरासत में लिया गया. हिरासत में ली गई महिलाओं को रविवार शाम को रिहा कर दिया गया. पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
(इनपुट- एजेंसी)

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