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Congress Foundation Day: पहले 'पंजा' नहीं था कांग्रेस का निशान, जानें इंदिरा गांधी ने क्यों बदलवाया पार्टी का सिंबल?

Congress Party Symbol: पहले कांग्रेस पार्टी का निशान 'गाय-बछड़ा' हुआ करता था, फिर इंदिरा गांधी ने सिंबल बदलवाने के लिए चुनाव आयोग से अपील की और हाथ का निशान सिंबल के तौर पर चुना.

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Congress Foundation Day: पहले 'पंजा' नहीं था कांग्रेस का निशान, जानें इंदिरा गांधी ने क्यों बदलवाया पार्टी का सिंबल?
Ronak Bhaira|Updated: Dec 28, 2023, 05:13 PM IST

नई दिल्ली: Congress Party Symbol: पूर्व प्रधानमंत्री एक बाबा के सामने बैठी हैं. लगातार अपनी पीड़ा उन्हें बताए जा रही हैं. 'पूर्व' होने का गम उनके सामने रख रही हैं.  उनसे समाधान पूछ रही हैं. लेकिन बाबा कुछ नहीं कहते, बस हाथ उठाकर आशीर्वाद की मुद्रा बना लेते हैं. इतना देखने भर से ही पूर्व पीएम का चेहरा चमक उठता, साथ में चमक पड़ता उनकी पार्टी का भाग्य. आगामी चुनाव में पार्टी 4 राज्यों में जीत दर्ज करती है. ये पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं. उनके सामने बैठे बाबा कांचि कामकोटि के तत्कालीन शंकराचार्य स्वामी चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती थे.

आज कांग्रेस को बने हुए 138 साल हो गए. हाथ का निशान कांग्रेस की पहचान बन चुका है. पार्टी के छोटे से लेकर बड़े नेता अपनी रैलियों में 'पंजे' के निशान पर वोट देने की अपील करते दिखाई देते हैं. लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था, एक समय ऐसा भी था, जब 'गाय-बछड़ा' पार्टी का सिंबल हुआ करता था. लेकिन फिर इंदिरा गांधी के समय में कांग्रेस का निशान 'हाथ' हो गया.

बुरी तरह हारी कांग्रेस
साल 1975 में इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई. करीब 21 महीने बाद 1977 में इमरजेंसी हटाई गई. देश में आम चुनाव कराए गए और कांग्रेस बुरी तरह हारी. 542 में से कांग्रेस को 154 सीटें आईं. जबकि जनता दल को 295 सीटें मिली. जनता दल की ओर से मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने. यह पहली बार था, जब कांग्रेस आजादी के बाद देश की सत्ता से बाहर हुई. 

बाबा के पास गईं इंदिरा गांधी
इस हार के बाद इंदिरा गांधी निराश हुईं, उन्हें हार उम्मीद कतई नहीं थी. वो कांचि कामकोटि के तत्कालीन शंकराचार्य स्वामी चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती से मिलने पहुंची. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन भास्करराव ने अपनी किताब में लिखा है कि श्रीमती गांधी शंकराचार्य के सामने अपनी बातें और पीड़ा रखती गईं, लेकिन शंकराचार्य ने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद इंदिरा ने विदा लेनी चाही, उन्होंने शंकराचार्य के सामने हाथ जोड़कर सिर झुकाया. इस पर शंकराचार्य ने दाहिना हाथ उठाकर आशीर्वाद दिया. इंदिरा ये देखकर खुश हुईं.

चार राज्यों में जीती पार्टी
इसके बाद इंदिरा गांधी दिल्ली लौटीं और उन्होंने चुनाव आयोह से कांग्रेस को 'हाथ' का सिंबल देने की अपील की. चुनाव आयोग ने कांग्रेस को 'हाथ' का निशान दे दिया. उस समय चार राज्यों के चुनाव में पार्टी ने जीत दर्ज की. कुछ ही समय के बाद इंदिरा गांधी फिर से प्रधानमंत्री बन गईं. तब से 'पंजा' कांग्रेस का निशान बना हुआ है. 

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