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Haldwani Violence: जिस मस्जिद को लेकर हल्द्वानी की फिजा हुई खराब, क्या वो वैध थी? जानें हिंसा से पहले हाई कोर्ट का क्या कहना था

Haldwani Violence: उत्तराखंड के हल्द्वानी (Haldwani) शहर की फिजा गुरुवार देर शाम खराब हो गई. हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में मदरसा और मस्जिद पर नगर निगम ने बुलडोजर चलाया था. निगम के इस एक्शन को देख वहां पर भीड़ जुटने लगी और देखते ही देखते उग्र हो गई. जानिए इस दंगा होने से पहले इस मस्जिद और मदरसे को लेकर हाईकोर्ट का क्या कहना था.

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Haldwani Violence: जिस मस्जिद को लेकर हल्द्वानी की फिजा हुई खराब, क्या वो वैध थी? जानें हिंसा से पहले हाई कोर्ट का क्या कहना था
Ansh Raj|Updated: Feb 09, 2024, 09:06 AM IST

नई दिल्ली, Banbhoolpura Madrasa masjid: उत्तराखंड के हल्द्वानी (Haldwani) शहर की फिजा गुरुवार देर शाम खराब हो गई. हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में मदरसा और मस्जिद पर नगर निगम ने बुलडोजर चलाया था. निगम के इस एक्शन को देख वहां पर भीड़ जुटने लगी और देखते ही देखते उग्र हो गई. कुछ ही देर ने बनभूलपुरा इलाका जलने लगा. भीड़ ने नगर निगम की टीम के साथ-साथ पुलिसबल और पत्रकारों को घेर लिया और जानलेवा हमला कर पत्थरबाजी और फायरिंग कर दी.  हिंसा की आग में सुलग रहे हल्द्वानी को बचाने के लिए पुलिस ने बमुश्किल मौर्चा संभाला और शांति बनाई. मदरसे और मस्जिद पर नगर निगम द्वारा की गई बुलडोजर कार्रवाई पर अब ये सवाल उठता है कि आखिर करवाई के नाम पर ध्वस्त किया गए मदरसे और मस्जिद वैध थे या अवैध. आइए जानते हैं दंगे होने से पहले हाई कोर्ट का इस ओअर क्या कहना था.  

प्रशासन ने पहले भी की थी कार्रवाई...
मीडिया रिपोर्ट्स में नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय के हवाले से बताया गया कि जिस मस्जिद और मदरसे पर बुलडोजर कार्रवाई की गई है. वो अवैध थी और जिला प्रशासन ने इसे सील भी किया हुआ था. नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय की मानें तो मस्जिद और मदरसा दोनों ही अवैध थे. मिली जानकारी के मुताबिक मदरसे और मस्जिद के पास करीब तीन एकड़ जमीन पर नगर निगम ने पहले ही कब्जा किया था और मदरसे और मस्जिद को सील कर दिया गया था. 

हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा...
बनभूलपुरा स्थित मस्जिद और मदरसा पर हुए बुलडोजर कार्रवाई से पहले मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. सील की गई मस्जिद और मदरसे पर विध्वंस की कार्रवाई को रोकने के लिए याचिका दायर की गई थी, इसी याचिका पर सुनवाई हुई थी. मिली जानकारी के मुताबिक मलिक निवासी साफिया मलिक के साथ कुछ और लोगों ने यह याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की थी. इस दौरान न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की अवकाशकालीन पीठ द्वारा किसी भी तरह की कोई राहत नही मिली. इसके बाद नगर निगम ने मस्जिद और मदरसा पर बुलडोजर चलाकर उसे ढहाने की कार्रवाई शुरू कर दी. इसके बाद से ही हल्द्वानी में दंगा-बवाल हुआ. बता दें इस याचिका पर अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी. 

कर्फ्यू के बाद पुलिस की नजर...
हल्द्वानी में हुई भयंकर हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हो गए. घायलों में सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी शामिल है. दंगे के बाद से ही हल्द्वानी में दंगे के बाद से ही कर्फ्यू लगा दिया गया है. इंटरनेट सेवाएं बंद हैं. सभी स्कूल, कॉलेज और दुकानें बंद है. बता दें कि अस्पताल और डिस्पेंसरी खुली रहेंगी.   बनभूलपुरा के चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है. फिलहाल यहां की स्थिति सामान्य है.

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