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पीएम मोदी से मिलने के बाद ही इस्तीफा देना चाहते थे उद्धव ठाकरे! बागी ने किया खुलासा

शिवसेना का बागी खेमे के एक नेता ने ये दावा किया है कि 'पिछले साल मोदी से भेंट के बाद ठाकरे मुख्यमंत्री पद छोड़ने की सोच रहे थे.'

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पीएम मोदी से मिलने के बाद ही इस्तीफा देना चाहते थे उद्धव ठाकरे! बागी ने किया खुलासा

नई दिल्ली: शिवसेना के बागी धड़े ने शुक्रवार को दावा किया कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से बातचीत के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की सोच रहे थे.

दीपक केसरकर ने कर दिया बड़ा खुलासा

शिवसेना के बागी विधायकों के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि ठाकरे के लिए मोदी के साथ उनके संबंध शीर्ष पद पर बने रहने से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. हालांकि, शिवसेना के ठाकरे खेमे ने केसरकर की टिप्पणियों पर कहा कि वह विरोधाभासी बयान दे रहे हैं और 'भ्रमित' लगते हैं.

केसरकर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे द्वारा सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत मामले में तत्कालीन मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) की छवि को 'खराब' करने के प्रयासों से शिवसेना (Shiv Sena) के बहुत से नेता 'आहत' थे.

15 दिनों में सीएम की कुर्सी छोड़ने वाले थे उद्धव

केसरकर ने कहा कि उन्होंने मोदी से संपर्क स्थापित किया और संवाद शुरू हुआ. केसरकर ने दावा किया, 'उद्धव जी के मोदी जी (पिछले साल जून में) से मिलने के बाद, यह तय किया गया था कि वह अगले 15 दिनों में (मुख्यमंत्री के रूप में) पद छोड़ देंगे क्योंकि उनके लिए (प्रधानमंत्री के साथ) संबंध (पद धारण करने से) अधिक महत्वपूर्ण थे, लेकिन यह महसूस किया गया कि उन्हें अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को समझाने के लिए और समय चाहिए.' 

अतीत में, मोदी ने शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे को अपना 'छोटा भाई' कहा था. नई दिल्ली में ठाकरे-प्रधानमंत्री मोदी की बैठक के बाद जुलाई 2021 में महाराष्ट्र विधानसभा से एक दर्जन भाजपा विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था, एक ऐसा कदम जिसने शिवसेना और उस समय विपक्षी दल भाजपा के बीच संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया था.

कैसे बाद में रुक गई बातचीत? जानिए

केसरकर ने कहा कि बाद में ठाकरे के कट्टर विरोधी राणे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के बाद बातचीत रुक गई, जिससे शिवसेना अध्यक्ष नाराज हो गए. केसरकर ने कहा कि 'अहंकार' के कारण वार्ता आगे नहीं बढ़ी.

केसरकर ने कहा कि बातचीत के दौरान वह शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को तमाम जानकारी देते रहे, जो अब मुख्यमंत्री हैं. केसरकर के दावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, ठाकरे खेमे की सदस्य और शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने कहा, 'वह हर दिन कुछ नया खुलासा कर रहे हैं. वह विरोधाभासी बयान दे रहे हैं और भ्रमित लगते हैं.' 

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