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क्यों बोलीं ममता बनर्जी...'काश मैं राजनीति छोड़ देती'

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि कई बार उन्हें लगता है कि काश उन्होंने राजनीति छोड़ दी होती.

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क्यों बोलीं ममता बनर्जी...'काश मैं राजनीति छोड़ देती'

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि कई बार उन्हें लगता है कि काश उन्होंने राजनीति छोड़ दी होती.
उन्होंने बुधवार को मीडियाकर्मियों से कहा, 'मैंने समाज की सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया.. लेकिन अगर मुझे पहले पता होता कि आज की राजनीति इतनी गंदी हो जाएगी, जिस कारण मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को इतनी झूठी बदनामी का सामना करना पड़ेगा, तो मैं बहुत पहले राजनीति छोड़ देती.'

मुख्यमंत्री ने उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ में हाल ही में दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर कोई उनके नाम पर संपत्ति होने या उनके परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध रूप किए जाने का पता लगाए तो उस व्यक्ति को बुलडोजर का उपयोग करके उस संपत्ति को ध्वस्त करने की आजादी होगी.

'अगर अवैध कब्जा किया तो परिवार का सदस्य होगा जवाबदेह'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'इसके लिए मेरी अनुमति की भी जरूरत नहीं होगी. मैंने राज्य के मुख्य सचिव से इस मामले में स्वतंत्र जांच करने के लिए कहा है. अगर मेरे परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ अवैध रूप से जमीन पर कब्जा करने का एक भी आरोप हो, तो इसके लिए संबंधित सदस्य जवाबदेह होगा.'

'परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नहीं रहती'
उन्होंने कहा, 'मैं अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नहीं रहती. वे एकल परिवार इकाइयों की तरह अलग-अलग रहते हैं. हम सामाजिक अवसरों पर मिलते हैं.' उन्होंने विपक्षी नेताओं द्वारा दिए गए बयानों का भी जिक्र किया कि कोयला और पशु तस्करी और शिक्षक भर्ती घोटालों जैसे वित्तीय अपराधों की आय का अंतिम गंतव्य कालीघाट है. हालांकि उन्होंने और कुछ नहीं बताया, लेकिन उनका स्पष्ट इशारा मुख्यमंत्री आवास की ओर था, जो कालीघाट में है.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'आप कालीघाट पर क्यों रुक रहे हैं? यदि आप में साहस है, तो उस व्यक्ति का नाम लें जो उस पैसे का अंतिम प्राप्तकर्ता है. या आपका मतलब है कि पैसा कालीघाट के प्रसिद्ध काली मंदिर में जा रहा है?'

इससे पहले दिन में, उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राज्य में पुलिस कांस्टेबल पद के लिए आवेदन करने की आयु सीमा 27 से बढ़ाकर 30 वर्ष करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने रैंक के बावजूद सभी पुलिसकर्मियों के लिए विशेष वर्दी भत्ते की घोषणा की.

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