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Lok Sabha Election 2024: भतीजे ने रोका चाचा को, अब भाभी रोकेंगी ननद को

Lok Sabha Election 2024: अगले कुछ महीने में लोकसभा चुनाव होने हैं. इसे देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी बीच खबर आ रही है कि अजित पवार की नेतृत्व वाली एनसीपी सुनेत्रा पवार को बारामती लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है. सुनेत्रा पवार अजित पवार की पत्नी हैं. मौजूदा समय में बारामती लोकसभा सीट से सुप्रिया सुले सांसद हैं. वे इस सीट से तीन बार चुनाव जीत चुकी हैं.

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Lok Sabha Election 2024: भतीजे ने रोका चाचा को, अब भाभी रोकेंगी ननद को

नई दिल्लीः Lok Sabha Election 2024: अगले कुछ महीने में लोकसभा चुनाव होने हैं. इसे देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी बीच खबर आ रही है कि अजित पवार की नेतृत्व वाली एनसीपी सुनेत्रा पवार को बारामती लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है. सुनेत्रा पवार अजित पवार की पत्नी हैं. मौजूदा समय में बारामती लोकसभा सीट से सुप्रिया सुले सांसद हैं. वे इस सीट से तीन बार चुनाव जीत चुकी हैं. सुप्रिया सुले शरद पवार की बेटी और अजित पवार की चचेरी बहन हैं. 

ननद और भाभी के बीच होगी लड़ाई
अगर एनडीए बारामती की सीट पर सुनेत्रा पवार को उम्मीदवार बनाती है, तो यह लड़ाई ननद और भाभी के बीच हो जाएगी. यानी एक ही परिवार से एक सीट पर दो सदस्य आमने-सामने होंगे. सुनेत्रा पवार ने अभी तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है. वे शुरू से ही पर्यावरण और महिला-संबंधी कार्यक्रमों में सक्रिय रही हैं. इस वक्त सुनेत्रा प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान विद्या प्रतिष्ठान की ट्रस्टी हैं. वे साल 2011 से वर्ल्ड एंटरप्रेन्योरशिप फोरम, फ्रांस की थिंक टैंक की सदस्य थीं. 

बारामती सीट से लड़ सकती हैं चुनाव
इसके अलावा सुनेत्रा पवार अपने एनजीओ एनवायरनमेंटल फोरम ऑफ इंडिया के जरिए पर्यावरण जागरूकता को लेकर काम कर ही हैं. सुनेत्रा पवार मल्टी टैलेंटेड मानी जाती हैं. ऐसे में अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव से सुनेत्रा अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कर सकती हैं और वो भी अपने ननद के खिलाफ. ऐसे में बारामती की सीट पर लड़ाई काफी दिलचस्प होने की उम्मीद जताई जा रही है. 

पिछले साल शरद पवार से अलग हुए थे अजित पवार 
बता दें कि पिछले साल जुलाई में अजित पवार ने बगावती तेवर दिखाते हुए अपने चाचा शरद पवार का साथ छोड़ दिया और NCP के कुछ विधायकों के साथ BJP से मिल गए और डिप्टी सीएम की शपथ ली. इसके बाद चाचा-भतीजे में पार्टी को लेकर जंग शुरू हुई. शरद पवार के गुट का कहना था कि उनकी नेतृत्व वाली NCP ही असली NCP है. वहीं, अजित पवार के गुट का दावा था कि अजित की नेतृत्व वाली NCP असली NCP है. इस मुद्दे पर फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने अजित पवार की नेतृत्व वाली NCP को असली NCP करार दिया था.

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