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पाकिस्तान के HQ-9 से ज्यादा दमदार है भारत का S-400, दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाली खूबियां

अगर व्यापक दृष्टिकोण और तकनीकी विशेषताओं के आधार पर तुलना करें तो भारत का S-400 सिस्टम पाकिस्तान के HQ-9 की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली प्रतीत होता है. एस-400 की ट्रैकिंग रेंज 600 किमी तक है.   

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पाकिस्तान के HQ-9 से ज्यादा दमदार है भारत का S-400, दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाली खूबियां

नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों ने बीते महीनों में अलग-अलग एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर भरोसा जताया है. जहां भारत ने रूस निर्मित एस-400 पर भरोसा किया, वहीं पाकिस्तान ने अपने लंबे समय से सहयोगी चीन से एचक्यू-9 को अपने बेड़े में शामिल किया है. परमाणु शक्ति संपन्न देशों के इन दोनों सिस्टम को लेकर चर्चा की जा रही हैं. ऐसे में कई युद्धों के इतिहास को देखते हुए एस-400 और एचक्यू-9 जैसी वायु रक्षा प्रणालियों की तुलना की जा रही है.

S-400 सिस्टम ज्यादा शक्तिशाली
अगर व्यापक दृष्टिकोण और तकनीकी विशेषताओं के आधार पर तुलना करें तो भारत का S-400 सिस्टम पाकिस्तान के HQ-9 की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली प्रतीत होता है. एस-400 की ट्रैकिंग रेंज 600 किमी तक है, एचक्यू-9 की अधिकतम रेंज केवल 100-300 किमी तक है. एस-400 को सबसे उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है जो मिसाइलों से लैस है जो 400 किमी तक के लक्ष्य को मार सकती हैं.

एचक्यू-9 की ऑपरेशन रेंज कम
पाकिस्तान के एचक्यू-9 की ऑपरेशनल रेंज 120 किमी है. हालांकि, इसके कुछ वेरिएंट्स की रेंज 300 किमी तक है. इसका वजन 2,000 किलो है और लंबाई 6.8 मीटर है. एचक्यू-9 हेलीकॉप्टरों, निर्देशित बमों और बैलिस्टिक मिसाइलों से उत्पन्न खतरों से निपट सकता है.

सबसे उन्नत संस्करण का एस-400
भारत को जो एस-400 मिला है, वह रूस निर्मित एस-300 का उन्नत संस्करण है जिसे सबसे उन्नत माना जाता है. यह एक बार में 36 शॉट फायर करने की क्षमता रखता है. एचक्यू-9 को पहली बार 2001 में चीन द्वारा विकसित किया गया था जबकि एस-400 को 2007 में पेश किया गया था.

एस-400 को एचक्यू-9 से बेहतर
कई मामलों में, एस-400 को एचक्यू-9 से बेहतर माना जाता है. भारत द्वारा 'रूसी शील्ड' को सीमाओं पर तैनात किया जा रहा है. एस-400 अपने आधुनिक राडार के कारण आने वाले किसी भी खतरे का पहले से पता लगा सकता है. यह एक बार में 100-300 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है, और एस-400 पर स्थापित मिसाइलों को इसके 12 लॉन्चरों की मदद से 30 किमी की ऊंचाई तक दागा जा सकता है.

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