trendingNow1zeeHindustan1536143
Hindi news >> Zee Hindustan>> राष्ट्र

'गोदामों में खूब पड़ा है गेहूं' फिर भी आसमान छू रहे आटे के दाम, अब 'ब्रह्मास्त्र' चलाएगी मोदी सरकार?

आटे के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं. एक किलो आटे की कीमत 38 रुपये पहुंच गई है. बढ़ती खाद्य महंगाई ने घर को बजट बिगाड़ दिया है. ऐसे में सरकार के खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा से गुरुवार को महंगाई को काबू करने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सरकार नियमित रूप से गेहूं और आटे की कीमतों की निगरानी कर रही है.

Advertisement
'गोदामों में खूब पड़ा है गेहूं' फिर भी आसमान छू रहे आटे के दाम, अब 'ब्रह्मास्त्र' चलाएगी मोदी सरकार?

नई दिल्लीः आटे के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं. एक किलो आटे की कीमत 38 रुपये पहुंच गई है. बढ़ती खाद्य महंगाई ने घर को बजट बिगाड़ दिया है. ऐसे में सरकार के खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा से गुरुवार को महंगाई को काबू करने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सरकार नियमित रूप से गेहूं और आटे की कीमतों की निगरानी कर रही है.

'गेहूं-आटे की बढ़ती कीमतों से हम अवगत हैं'
खाद्य सचिव ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि गेहूं और आटे की कीमतों में तेजी है. हम इस मुद्दे से अवगत हैं. सरकार की ओर से विभिन्न विकल्पों का पता लगाया जा रहा है और बहुत जल्द हम अपनी प्रतिक्रिया देंगे.’ उन्होंने कहा कि खाद्य मंत्रालय जल्द ही कुछ कदम उठाएगा. हालांकि, चोपड़ा ने मंत्रालय की ओर से किए जा रहे उपायों को स्पष्ट नहीं किया.

'गोदामों में गेहूं और चावल का पर्याप्त स्टॉक है'
सचिव ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदामों में गेहूं और चावल का पर्याप्त स्टॉक है. घरेलू उत्पादन में मामूली गिरावट और केंद्रीय पूल के लिए एफसीआई की खरीद में कमी के बाद कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र ने मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार खुले बाजार में गेहूं बेचेगी, उन्होंने कहा कि सभी विकल्प तलाशे जा रहे हैं. 

क्या थोक उपभोक्ताओं को गेहूं देगी सरकार?
न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा के मुताबिक, पिछले महीने सूत्रों ने कहा था कि सरकार बढ़ती खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मुक्त बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत आटा मिलों जैसे थोक उपभोक्ताओं के लिए एफसीआई के स्टॉक से अगले साल 15-20 लाख टन गेहूं जारी करने पर विचार कर रही है. 

OMSS नीति के तहत सरकार समय-समय पर थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को खुले बाजार में पूर्व-निर्धारित कीमतों पर खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचने के लिए सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को अनुमति देती है. इसका उद्देश्य मंदी के मौसम के दौरान आपूर्ति को बढ़ावा देना और सामान्य खुले बाजार की कीमतों को कम करना है. 

ऐसे में क्या सरकार आटे की कीमतों को कम करने के लिए इस महत्वपूर्ण उपाय पर अमल करती है या नहीं, यह देखना होगा. क्योंकि आटा मिल मालिकों ने खुले बाजार में हुई कमी को पूरा करने के लिए सरकार से एफसीआई गोदामों से गेहूं के स्टॉक को निकाले जाने की मांग की है.

यह भी पढ़िएः राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर सकता है केंद्र, प्रक्रिया जारी, SC में सरकार ने दी जानकारी

 

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.  

Read More
googletag.cmd.push(function() { googletag.display(interstitialSlot)})