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सलाखों के पीछे पहुंचे मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी, जानें ऐसा क्या गोलमोल किया

मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी हो गई है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अब्बास अंसारी के खिलाफ अहम सबूत मिले हैं.

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सलाखों के पीछे पहुंचे मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी, जानें ऐसा क्या गोलमोल किया

नई दिल्ली: माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब्बास अंसारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि अब्बास के खिलाफ निदेशालय को बड़े सबूत मिले हैं.

मुख्तार अंसारी के बेटे पर कानून का शिकंजा
एक अधिकारी ने बताया कि ईडी ने धनशोधन मामले में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को गिरफ्तार किया है. बता दें, फिलहाल अब्बास अंसारी उत्तर प्रदेश के मऊ विधानसभा से विधायक है. विधानसभा चुनाव 2022 में उन्होंने जीत हासिल की थी.

ईडी को अब्बास के खिलाफ मिले अहम सबूत
सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है कि माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ ईडी को मनी लांड्रिंग मामले में अहम सबूत मिले हैं. अब्बास अंसारी अपनी संपत्तियों के अर्जित करने के सोर्स की जानकारी नहीं दे सका.

अब्बास पर माफिया मुख्तार अंसारी की विधायिकी के दौरान आय से अधिक संपत्तियां एकत्रित करने का आरोप है. अब्बास अंसारी ने ईडी के सवालों का गोलमोल जवाब दिया. अब्बास अंसारी अपनी संपत्तियों की ठोस और संतोषजनक जानकारी नहीं देने पर मनी लांड्रिंग के तहत अब्बास पर कार्रवाई हुई है.

माफिया मुख्तार अंसारी समेत परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ मार्च 2021 में ईडी ने मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया था.

विवादित बयान और बदजुबानी में कोई जवाब नहीं
बीते यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी के गठबंधन से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को चुनावी मैदान में उतारा गया था. ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से उन्होंने चुनाव लड़ा और मऊ विधानसभा से जीत भी हासिल की.

अब्बास अंसारी की कैची जैसी जुबान के चलते चुनाव में अखिलेश को भारी खामियाजा भुगतना पड़ा था. चुनाव के दौरान एक जनसभा को मंच से संबोधित करते हुए अब्बास अंसारी ने कहा था कि 'मैं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जी से कह कर आया हूं कि 6 महीने तक किसी की ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं होगी. जो जहां है, वहीं रहने वाला है. पहले हिसाब-किताब होगा. उसके बाद उनके जाने पर मुहर लगाया जाएगा. हम बाहुबली हैं. हमें इससे कोई गुरेज नहीं है. मेरे नौजवान साथियों की तरफ कुछ बैल सींग निकाल कर खड़े हैं. समय आने दीजिए खूंटे में यही नहीं बांध दिया तो कहिएगा. अखिलेश यादव से मैंने कहा था कि पहले जिन लोगों ने मुकदमे लगाए हैं, उनकी भी जांच पड़ताल कर लिया जाए.'

कहीं न कहीं इस बयान के चलते अखिलेश की पार्टी सपा को भारी नुकसान हुआ. अधिकारियों को खुली धमकी देने वाले अब्बास अंसारी की करतूतों का हिसाब तो कानूनी प्रक्रिया से होगा, लेकिन जनता की अदालत में अब्बास अंसारी के चलते समाजवादी पार्टी को मुंह की खानी पड़ी थी.

इसे भी पढ़ें- अखिलेश और उनके साथियों के वो 5 बयान, जो चुनाव में सपा को ले डूबे

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