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भारत-चीन के बीच युद्ध का खतरा रहेगा बरकरार, अमेरिकी रिपोर्ट ने किया दावा

भारत और चीन के बीच साल 2020 में जो झड़प हुई थी उसके बाद से भले ही दोनों देशों के सैनिकों बीच कोई हिंसक न घटना न हुई हो, लेकिन दोनों ही तरफ काफी भारी संख्या में सेना तैनात है.  

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भारत-चीन के बीच युद्ध का खतरा रहेगा बरकरार, अमेरिकी रिपोर्ट ने किया दावा
Shruti Kaul |Updated: Jul 02, 2024, 11:34 PM IST

नई दिल्ली:  भले ही काफी समय से इजरायल-हमास और रूस-यूक्रेन के युद्ध के चलते लद्दाख में चीन और भारत के बीच जारी तनाव सुर्खियों से गायब हो गई हों, लेकिन सीमा पार दोनों देशों में तनाव अब भी जारी है. यह दावा अमेरिका की एक रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना भारतीय सीमा पर काफी लंबे समय तक तैनात रह सकती है. 

कभी भी बढ़ सकता है खतरा 
भारत और चीन के बीच जारी तनाव को लेकर यह रिपोर्ट अमेरिका के 'आर्मी वॉर कॉलेज के स्ट्रैटेजिक स्टडीज इंस्टीट्यूट' ने जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन के बीच साल 2020 में जो झड़प हुई थी उसके बाद से भले ही दोनों देशों के सैनिकों बीच कोई हिंसक न घटना न हुई हो, लेकिन दोनों ही तरफ काफी भारी संख्या में सेना तैनात है. किसी भी तरह की गड़बड़ी कभी भी संघर्ष में बदल सकती है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीनी सेना अक्साई चिन में LC पर और डोकलाम में अनिश्चित समय तक तैनात रह सकती है. 

चीन ने बढ़ाई सीमा 
अमेरिकन रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना ने अपनी लॉजिस्टिक क्षमताओं पर काफी हद तक इजाफा कर लिया है. इसी के चलते चीन ने गलवान की घटना के बाद से बेहद सीमित समय में सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया था. माना जा रहा है कि चीन ने साल 2020 की घटना के बाद से तकरीबन 10,000 सैनिकों को सीमा पर तैनात किया है. इनमें आर्टिलरी और इंजीनियर्स के अलावा सपोर्ट स्टाफ भी शामिल हैं. 

गलवान घाटी हिंसा 
बता दें कि चीनी और भारतीय सेना के बीच साल 2020 में गलवान घाटी पर हिंसक झड़प हुई थी. इस हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. वहीं संघर्ष में चीन के भी कई सारे सैनिक मारे गए थे, जिसे अबतक चीन स्वीकार करने से साफ मना कर रहा है.    

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