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Chandrayaan 3 on Moon: रोवर ‘प्रज्ञान’ लैंडर ‘विक्रम’ से बाहर निकला, जानें 14 दिन चांद पर क्या होगा

Chandrayaan 3 on Moon: चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (LM) से रोवर ‘प्रज्ञान’ बाहर निकल आया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘प्रज्ञान’ को बाहर निकालने के लिए इसरो की टीम को बधाई दी. 

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Chandrayaan 3 on Moon: रोवर ‘प्रज्ञान’ लैंडर ‘विक्रम’ से बाहर निकला, जानें 14 दिन चांद पर क्या होगा

बेंगलुरु: Chandrayaan 3 on Moon: चंद्रमा की सतह पर पहुंचे चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त 2023 को इतिहास रच दिया. अब करीब 12 घंटे बाद गुरुवार को मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) से रोवर ‘प्रज्ञान’ बाहर निकल आया है. इस कामयाबी पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने कहा, ‘‘भारत ने चांद पर सैर की.’’ आधिकारिक सूत्रों ने पहले ही ‘विक्रम’ से रोवर के सफलतापूर्वक बाहर निकलने की पुष्टि कर दी थी. 

इसरो का ट्वीट
अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर ISRO ने कहा कि ‘‘रोवर न बाहर निकल आया है’’. चंद्रयान-3 रोवर : ‘मेड इन इंडिया - मेड फॉर मून’. चंद्रयान का रोवर लैंडर से बाहर निकल आया है और भारत ने चांद की सैर की.’’ 

क्या करेगा रोवर
-लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) का कुल वजन 1,752 किलोग्राम है 
-इन्हें चंद्रमा के वातावरण के अध्ययन के उद्देश्य से एक चंद्र दिवस अवधि (करीब 14 पृथ्वी दिवस) तक संचालन के लिए डिजाइन किया गया है. 
-हालांकि इसके अगले चंद्र दिवस तक काम करते रहने की संभावना से इनकार नहीं किया है. 
-रोवर इस दौरान चांद की सतह पर घूमकर वहां मौजूद रसायन का विश्लेषण करेगा. 
-लैंडर और रोवर के पास वैज्ञानिक पेलोड हें जो चांद की सतह पर प्रयोग करेंगे. 
-रोवर अपने पेलोड अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर के जरिए चंद्रमा की सतर का अध्ययन करेगा ताकि रासायनिक संरचना की जानकारी प्राप्त की जा सके 
चंद्रमा की सतह के बारे में ज्ञान को और बढ़ाने के लिए खनिज संरचना का अनुमान लगाया जा सकेगा. 
-‘प्रज्ञान’ में भी एक पेलोड - ‘लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप’ (एलआईबीएस) है जो चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना का पता लगाएगा.  

राष्ट्रपति ने दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘प्रज्ञान’ को सफलतापूर्वक लैंडर से बाहर निकालने के लिए इसरो की टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा, ‘‘‘विक्रम’ के चंद्रमा पर लैंड करने के कुछ घंटे बाद रोवर का बाहर निकलना चंद्रयान-3 के एक और चरण की सफलता है. मैं देशवासियों और वैज्ञानिकों के साथ पूरे उत्साह से उस जानकारी की प्रतीक्षा कर रही हूं जो ‘प्रज्ञान’ हासिल करेगा और चंद्रमा के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाएगा.’’ 

कल था ऐतिहासिक दिन
चंद्रयान-3 के एलएम ‘विक्रम’ ने तय समय पर बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद की सतह को छुआ,. इसरो ने कहा था कि 26 किलोग्राम वजनी छह पहियों वाले रोवर को लैंडर के अंदर से चांद की सतह पर उसके एक ओर के पैनल को रैंप की तरह इस्तेमाल करते हुए बाहर निकाला जाएगा. 

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