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अतीक की हत्या में आ रहा इस खूंखार बदमाश का नाम, मुन्ना बजरंगी से लेकर कृष्णानंद राय तक जुड़ रही कड़ी

Atiq Ahmed Murder: अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या में एक नया नाम सामने आ रहा है. रिपोर्ट्स में उत्तर प्रदेश के बड़े बदमाशों में से एक का नाम आ रहा है. उसकी हनक ऐसी कि वह जेल में बंद रहने के दौरान खेल प्रतियोगिता में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के साथ पुरस्कार बांटता था. इस हत्या के बाद डॉन माफिया मुन्ना बजरंगी और तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय तक के नाम जुड़ रहे हैं.

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अतीक की हत्या में आ रहा इस खूंखार बदमाश का नाम, मुन्ना बजरंगी से लेकर कृष्णानंद राय तक जुड़ रही कड़ी

नई दिल्लीः Atiq Ahmed Murder: अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या में एक नया नाम सामने आ रहा है. रिपोर्ट्स में उत्तर प्रदेश के बड़े बदमाशों में से एक का नाम आ रहा है. उसकी हनक ऐसी कि वह जेल में बंद रहने के दौरान खेल प्रतियोगिता में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के साथ पुरस्कार बांटता था. इस हत्या के बाद डॉन माफिया मुन्ना बजरंगी और तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय तक के नाम जुड़ रहे हैं.

सुंदर का गुर्गा बताया जा रहा सनी
दरअसल, अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में पकड़ा गया सनी सिंह को कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी का गुर्गा बताया जा रहा है. इसे लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है. आशंका यह भी जताई जा रही है कि जिस जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल हत्या में किया था, वह सुंदर भाटी के नेटवर्क से ही सनी को मिली थी.

कौन हैं सनी सिंह
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहित सिंह उर्फ सनी उर्फ पुराने ठाकुर हमीरपुर, कुरारा का रहने वाला है. उस पर साल 2016 में पहला केस दर्ज हुआ था. इस मामले में जेल में जाने के बाद साल 2019 में उसकी मुलाकात बदमाश सुंदर भाटी से हुई थी. 

रिपोर्ट के मुताबिक, सनी पर कुरारा थाने में 14 केस दर्ज हैं और वह 13वें नंबर का हिस्ट्रीशीटर है. सुंदर भाटी से मुलाकात के बाद वह उसके लिए काम करने लगा. 

कौन हैं कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी में खौफ का पर्याय रहे सुंदर भाटी का 30 साल का साम्राज्य राजनीति में गहरी बैठ के चलते बना रहा. सुंदर भाटी पर 62 आपराधिक केस दर्ज हैं. उसे हाल में गौतमबुद्ध नगर जिला अदालत ने हरेंद्र प्रधान हत्याकांड में उम्रकैद सुनाई थी. वह अभी सोनभद्र की जिला जेल में बंद है.

कैसे अपराध की दुनिया में आया सुंदर भाटी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुरुआत में सुंदर भाटी बुलंदशहर में ट्रांसपोर्ट के ठेके लेता था. फिर नेताओं के संपर्क आने के बाद वह राजनीतिक हत्याओं में शामिल हो गया. उसकी नरेश भाटी से नजदीकी थी. नरेश भाटी जिला पंचायत चेयरमैन बन गया था. बाद में सुंदर का नाम नरेश भाटी की हत्या में आया. इसके बाद कई हत्याओं में उसकी संलिप्तता का पता चला, लेकिन उसे किसी केस में सजा नहीं हुई. उसे पहली बार हरेंद्र प्रधान हत्याकांड में सजा हुई. 

क्या है मुन्ना बजरंगी और कृष्णानंद राय कनेक्शन
दरअसल,  साल 2005 में बीजेपी के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या कर दी गई थी. इसमें मुख्तार अंसारी का नाम आया था. साल 2002 के विधानसभा चुनाव में मोहम्मदाबाद सीट पर कृष्णानंद राय ने अफजाल अंसारी को हराया था. अंसारी परिवार का इस सीट पर 1985 से कब्जा था. 

मुन्ना बजरंगी पर भी था हत्या का आरोप
इस हत्या में मुख्तार अंसारी के करीबी मुन्ना बजरंगी के भी शामिल होने का आरोप था. हालांकि जुलाई 2019 में कोर्ट ने गवाहों के मुकर जाने पर मुख्तार, मु्न्ना बजरंगी समेत सात लोगों को बरी कर दिया था. अक्टूबर 2019 में कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

अतीक की हत्या में अरेस्ट सनी सिंह को जिस सुंदर भाटी का गुर्गा बताया जा रहा है, उसी सुंदर भाटी का नाम मु्न्ना बजरंगी की हत्या में आया था. इसी मुन्ना बजरंगी का नाम कृष्णानंद राय की हत्या में आया था.

मुन्ना बजरंगी की मौत में सुंदर पर गया था शक
मुन्ना बजरंगी की साल 2018 में बागपत जेल में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मौत में सुंदर भाटी की भूमिका जांच के दायरे में आ गई थी. इसमें एक बात यह भी कही गई थी कि सुंदर भाटी और अनिल दुजाना एक-दूसरे के विरोधी गिरोह हैं और अनिल दुजाना की मुन्ना बजरंगी के साथ दोस्ती की चर्चा थी. इसलिए भी सुंदर भाटी पर मु्न्ना की हत्या का शक गहराया था.

यह भी पढ़िएः अतीक अहमद का पाकिस्तान की ISI और लश्कर से था संबंध, FIR में खुलासा

 

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