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कर्नाटक विजय के बाद अब पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में कांग्रेस की तैयारी, 41 लोकसभा सीटों की समीक्षा, क्या है प्लानिंग?

माना जा रहा है कि पड़ोसी राज्य कर्नाटक में हुई प्रचंड जीत के बाद महाराष्ट्र में भी कांग्रेस अपने पुराने जनाधार को पाने के जबरदस्त प्लानिंग पर काम कर सकती है. अगले साल प्रस्तावित लोकसभा और विधानसभा दोनों ही चुनावों में कांग्रेस अपनी सीटें बढ़ाकर राज्य की राजनीति में अपने दखल को और ज्यादा मजबूत करना चाहेगी. 

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कर्नाटक विजय के बाद अब पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में कांग्रेस की तैयारी, 41 लोकसभा सीटों की समीक्षा, क्या है प्लानिंग?

मुंबई. कर्नाटक में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद अब कांग्रेस ने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी ने 41 सीटों की समीक्षा की है.  मुंबई के छह निर्वाचन क्षेत्रों के साथ ही चंद्रपुर सीट की समीक्षा अलग-अलग की जाएगी. पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की बैठक में सीटों के बंटवारे पर चर्चा की जाएगी. महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं.

राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष ने दी जानकारी
पार्टी की दो दिवसीय समीक्षा बैठक के अंतिम दिन पत्रकारों से बात करते हुए पटोले ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को हराने के संकल्प के साथ कांग्रेस उत्साह से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘41 लोकसभा क्षेत्रों (कुल 48 में से) की समीक्षा पूरी हो गई है. चंद्रपुर और मुंबई के छह निर्वाचन क्षेत्रों की समीक्षा अलग से की जाएगी. चर्चा सकारात्मक रही है. कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े.’ 

2019 विधानसभा चुनाव के बाद एमवीए गठबंधन
गौरतलब है कि एमवीए गठबंधन में कांग्रेस के अलावा उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल हैं. तीनों पार्टियां राज्य में 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए साथ आई थीं. महाराष्ट्र की राजनीति में पहली बार ऐसा हुआ जब वैचारिक रूप से विरोधी रहे कांग्रेस और शिवसेना ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया. उद्धव ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री बनाए गए थे. 

कमजोर रहा है कांग्रेस का प्रदर्शन
दरअसल राज्य में कभी सबसे मजबूत पार्टी रही कांग्रेस बीते वर्षों में सांगठनिक रूप से कमजोर हुई है. यह कमजोरी चुनावी नतीजों में भी दिखाई दी है. 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राज्य में चौथे नंबर की पार्टी थी. सबसे ज्यादा सीटें बीजेपी, फिर शिवसेना और एनसीपी का नंबर था. 

'पुराना गौरव' वापस लाना चाहेगी पार्टी
अब माना जा रहा है कि पड़ोसी राज्य कर्नाटक में हुई प्रचंड जीत के बाद महाराष्ट्र में भी कांग्रेस अपने पुराने जनाधार को पाने के जबरदस्त प्लानिंग पर काम कर सकती है. अगले साल प्रस्तावित लोकसभा और विधानसभा दोनों ही चुनावों में कांग्रेस अपनी सीटें बढ़ाकर राज्य की राजनीति में अपने दखल को और ज्यादा मजबूत करना चाहेगी. 

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