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सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया को तगड़ा झटका, अदालत ने सुनवाई से किया इनकार

आबकारी घोटाला मामले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां से उन्हें बड़ा झटका लगा.

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सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया को तगड़ा झटका, अदालत ने सुनवाई से किया इनकार
Zee Hindustan Web Team|Updated: Feb 28, 2023, 05:53 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की आबकारी नीति मामले में बड़ा झटका दिया है. अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर मौजूदा स्थिति में सुनवाई से इनकार कर दिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर दोपहर तीन बजकर 50 मिनट पर सुनवाई करेगा.

आबकारी घोटाले में सिसोदिया को झटका
आबकारी घोटाले में सिसोदिया की ओर से पेश वकील ए एम सिंघवी ने कहा कि अलग-अलग स्तर पर नीतिगत फैसले लिए गए और कोई रकम बरामद नहीं की गई. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर मौजूदा स्थिति में सुनवाई से इनकार कर दिया.

आम आदमी पार्टी के गिरफ्तार नेता मनीष सिसोदिया से न्यायालय ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि घटना दिल्ली में हुई, आप यहां नहीं आ सकते; आपके पास और उपाय हैं.

मनीष सिसोदिया फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं. सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम. सिंघवी ने प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ से याचिका पर तत्काल आज ही सुनवाई की अपील की थी. शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध कर सकते हैं.

पवन खेड़ा की जमानत याचिका पर की थी सुनवाई
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अदालत ने हाल ही में कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा की जमानत याचिका पर सुनवाई की थी, क्योंकि उसमें दो राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को जोड़ा गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ खेड़ा की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से संबंधित एक मामले में उन्हें अंतरिम जमानत दी गई है.

पीठ ने कहा, 'उसमें प्राथमिकियों को जोड़ने का अनुरोध किया गया था... आप (दिल्ली) उचच न्यायालय का रुख कर सकते हैं (प्राथमिकी रद्द कराने या जमानत लेने).' सिंघवी ने कहा, 'माननीय 32 फैसले सुनाए गए हैं और यह (सिसोदिया का मामला) विनोद दुआ (के फैसले) के दायरे में आता है.'

सिसोदिया के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
दिवंगत पत्रकार को एक यूट्यूब कार्यक्रम में 2020 के दिल्ली दंगों के संबंध में कथित रूप से आपत्तिजनक बयान देने को लेकर उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने कठोर कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की थी. इसके बाद पीठ सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गई. प्रधान न्यायाधीश ने पहले कहा कि पीठ तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध मामलों पर सुनवाई के बाद दोपहर से पहले याचिका पर सुनवाई करेगी.

हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ‘शिवसेना’ के राजनीतिक संकट पर पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सुनवाई करने के बाद, अपराह्न तीन बजकर 50 मिनट वह सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई करेगी और फिर अदालत ने सिसोदिया को बड़ा झटका देते हुए मौजूदा स्थिति में सुनवाई से इनकार कर दिया.

आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर गिरफ्तार सिसोदिया को यहां एक विशेष अदालत ने सोमवार को पांच दिन के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया था. अदालत ने कहा था, 'उचित व निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक है कि उनसे पूछे गए सवालों के उचित तथा वैध जवाब मिलें और इस अदालत की राय में यह आरोपी की हिरासत में पूछताछ से ही संभव है.'

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