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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जामताड़ा के 5 साइबर क्रिमिनल जाएंगे जेल, कोर्ट ने किया सजा का एलान

PMLA कोर्ट ने साइबर ठगी के अपराध में 5 साइबर क्रिमिनल्स को 5 साल के लिए सजा सुनाई है. इन अपराधियों के खिलाफ  जामताड़ा जिले के नारायणपुर थाने में 29 दिसंबर साल 2015 को मामला दर्ज हुआ था.    

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जामताड़ा के 5 साइबर क्रिमिनल जाएंगे जेल, कोर्ट ने किया सजा का एलान
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Zee Hindustan Web Team|Updated: Jul 23, 2024, 03:37 PM IST

नई दिल्ली: रांची के PMLA  (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने जामताड़ा के 5 साइबर ठगों को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 5 साल के लिए सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. सजा पाने वाले इन ठगों में गणेश मंडल और उसका बेटा प्रदीप मंडल, संतोष मंडल, पिंटू मंडल और अंकुश कुमार मंडल शामिल हैं. 

  1. साइबर ठगों को मिली सजा 
  2. अधिकारी बनकर की ठगी 

2 लाख का लगाया जुर्माना 
सजा पाने वाले सभी अपराधी जामताड़ा के नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरगा गांव के रहने वाले हैं. कोर्ट ने इन सभी पर 2.50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर दोषियों को अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
PMLA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने इन सभी को 20 जुलाई को दोषी करार दिया था. उसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था. बता दें कि वेब सीरीज 'जामताड़ा' इन्हीं साइबर क्रिमिनल्स की कहानी पर बनी थी. सीरीज में प्रदीप मंडल और उसके अलग-अलग साथियों के नाम का उल्लेख भी किया गया था. 

फर्जी अधिकारी बनकर की थी ठगी 
अपराधियों के खिलाफ जामताड़ा जिले के नारायणपुर थाने में 29 दिसंबर साल 2015 को मामला दर्ज हुआ था. उन पर बैंक प्रबंधक और बैंक अधिकारी बनकर लोगों को कॉल कर उनके बैंक खाते का ब्योरा हासिल करने और उनके खाते से अवैध निकासी का आरोप लगा था. जामताड़ा पुलिस ने जांच के बाद 22 जुलाई साल 2016 चार्जशीट पेश किया था. इसी FIR और चार्जशीट के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत साल 2019 में इंफोर्समेंट केस इन्फार्मेशन रिपोर्ट (ECIR) दर्ज किया था. 

कोर्ट ने पांचों को दी सजा 
ED ने अपनी जांच में पाया था कि आरोपी प्रदीप कुमार मंडल, पिंटू मंडल, अंकुश कुमार मंडल और अन्य ने साइबर अपराध से 65.99 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति अर्जित की. उन्होंने अपराध की आय से नया घर, जमीन और गाड़ी खरीदी. इन सभी चल-अचल संपत्तियों को ED ने 10 मार्च 2021 को अस्थायी रूप से जब्त किया था. इस मामले में ट्रायल के दौरान ED की ओर से विशेष लोक अभियोजक अतीश कुमार ने 24 गवाहों को प्रस्तुत किया था, इसके आधार पर कोर्ट ने पांचों को दोषी करार दिया. 

इनपुट- IANS 

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