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Guru Dutt: एक शर्ट ने देव आनंद और गुरु दत्त को बना दिया पक्का दोस्त, जानें ये दिलचस्प किस्सा

Guru Dutt Birth Anniversary : हिंदी सिनेमा के आइकन कहे जाने वाले गुरु दत्त की दुनिया दीवानी थी. उन्होंने डायरेक्श, राइटिंग, एक्टिंग, कोरियोग्राफर और प्रड्यूसर हर फील्ड में शानदार काम किया है. उनके साथ काम करने का हर अभिनेता का सपना होता है.

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Guru Dutt: एक शर्ट ने देव आनंद और गुरु दत्त को बना दिया पक्का दोस्त, जानें ये दिलचस्प किस्सा

नई दिल्ली: Guru Dutt Birth Anniversary : इंडियन सिनेमा में ऐसे कई अभिनेता हुए, जिन्होंने इस इंडस्ट्री को एक अलग मुकाम पर पहुंचाया है.  इन्हीं में एक नाम  है फिल्ममेकर, एक्टर, प्रोड्यूसर और राइटर गुरुदत्त का. 50 के दशक के टॉप फिल्मकारों की लिस्ट में शुमार गुरुदत्त ने अपने फिल्मी करियर में कई बेहतरीन फिल्में दी हैं. अभिनेता ने बेहद कम उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.

कर्नाटक के छोटे से गांव में हुआ जन्म

गुरु दत्त का जन्म 9 जुलाई 1925 को कर्नाटक के एक छोटे से गांव पादुकोण में हुआ था.  शिवशंकर पादुकोण और  वासंती पादुकोण के घर जन्में गुरु का असली नाम वसंत कुमार पादुकोण था. एक्टर के पिता हेडमास्टर थे, जो बाद में बैंक की नौकरी करने लगे थे. वहीं मां आध्यापिका थीं. बचपन से आर्थिक तंगी से जूझ रहे गुरु दत्त ने स्कूल पूरा कर पढ़ाई छोड़ दी थी. वे कभी कॉलेज नहीं गए.

ऐसे बने देव आनंद के दोस्त

प्रभात फिल्म कंपनी में गुरुदत्त को कोरियोग्राफर के रूप में काम पर रखा गया था, लेकिन बाद में उन्हें अभिनेता और सहायक निर्देशक काम भी सैंप दिया गया. यहीं पर अभिनेता रहमान और देव आनंद की गुरु दत्त से मुलाकात हुई थी.  जिसके कुछ दिन बाद जब देव ने गुरु को अपनी शर्ट पहने देखा और उनसे पूछा कि वह उनकी शर्ट क्यों पहने हैं.

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इस गुरु दत्त ने बड़ी सादगी से जवाब दिया था कि उनके पास कुछ पहनने को नहीं था, इसलिए वह लॉन्ड्री यही ले आए. बस यही वो पल थो जब देव और गुरु में भाइयों जैसे रिश्ता बन गया.

39 साल में ली आखिरी सांस

9 अक्टूबर 1964 की शाम को गुरु दत्त ने दोस्त अबरार के साथ खूब बातें की थी.  दोनों ने अपनी फिल्म को लेकर काफी चर्चा की थी. पर किसे मालूम था कि अगली सुबह हिंदी सिनेमा का हीरा हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह देगा. गुरुदत्त 10 अक्टूबर की सुबह अपने आधे पढ़े उपन्यास के साथ मृत पाए गए. उनकी मौत की खबर ने हर किसी को खासकर देव आनंद को झकझोर कर रख दिया था.

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