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Rajasthan New CM: वसुंधरा राजे हैं CM पद की सबसे मजबूत दावेदार, फिर भी पक्ष में नहीं ये 5 कारण

Rajasthan Ex CM Vasundhara Raje: वसुंधरा राजे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रही हैं. उनके पास प्रशासन और सरकार को चलाने का अनुभव है. राजस्थान भाजपा में राजे के कद का कोई दूसरा नेता नहीं है. वे इकलौती ऐसी नेता हैं, जिनकी लोकप्रियता अपने इलाके से बाहर भी है.

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Rajasthan New CM: वसुंधरा राजे हैं CM पद की सबसे मजबूत दावेदार, फिर भी पक्ष में नहीं ये 5 कारण

नई दिल्ली: Rajasthan Ex CM Vasundhara Raje: राजस्थान में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसके अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं. मुमकिन है कि आज-कल में हाईकमान मुख्यमंत्री के चेहरे पर मुहर लगा दे. लेकिन इससे पहले तक कयासों का बाजार गर्म ही रहेगा. कोई बाबा बालकनाथ को सीएम के तौर पर देखना चाह रहा है, तो किसी की पसंद दीया कुमारी हैं. हालांकि, सियासी हलकों में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है. 

क्यों हैं वसुंधरा मजबूत
वसुंधरा राजे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रही हैं. उनके पास प्रशासन और सरकार को चलाने का अनुभव है. राजस्थान भाजपा में राजे के कद का कोई दूसरा नेता नहीं है. वे इकलौती ऐसी नेता हैं, जिनकी लोकप्रियता अपने इलाके से बाहर भी है. राजे के पक्ष में कई विधायक हैं, जो अभी से उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं. अन्य किसी नेता के पास समर्थक विधायक नहीं हैं. राजे खुद राजपूत हैं, उनकी शादी जाट घराने में हुई है, पुत्रवधू निहारिका गुर्जर हैं. लिहाजा, वे सभी जातियों को साधने में सक्षम मानी जाती हैं. 

पक्ष में नहीं ये 5 कारण

शाह से बगावत: वसुंधरा राजे अमित शाह के खिलाफ उस समय बगावत की थी. जब शाह केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान भाजपा अध्यक्ष बनाने चाह थे, तब वसुंधरा ने वीटो कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने शाह का फोन तक नहीं उठाया था. 

पुराना चेहरा: वसुंधरा राजे राजस्थान की राजनीति का पुराना चेहरा हैं. दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. लोग बार-बार गहलोत-वसुंधरा को देखकर ऊब चुके हैं. यही कारण है कि 2018 में 'मोदी तुझसे बीत नहीं, रानी तेरी खैर नहीं' का नारा पॉपुलर हुआ था. 

खुद ही पावर सेंटर:  साल 2013 में भाजपा प्रचंड बहुतम के साथ सत्ता में आई थी. इस जीत का क्रेडिट नरेंद्र मोदी को दिया जा रहा था. लेकिन वसुंधरा ने कहा कि जीत में केवल एक व्यक्ति का हाथ नहीं है. माना जाता है कि वसुंधरा हाईकमान का कहा फॉलो नहीं करतीं और खुद ही सत्ता का केंद्र होती हैं.

गहलोत से करीबी: बीते कुछ सालों से यह परसेप्शन बना है कि वसुंधरा और गहलोत के बीच करीबी है. गहलोत ने यह बात स्वीकारी भी है कि वसुंधरा नहीं चाहती थीं कि सरकार गिरे. पायलट समेत कई नेताओं ने दोनों पर मिलीभगत का आरोप भी लगाया है. 

बढ़ती उम्र: वसुंधरा राजे 70 साल की हो गई हैं. भाजपा नई पीढ़ी को सत्ता सौंपना चाह रही है, जो लंबे समय तक प्रदेश में सक्रिय रह सके. लेकिन वसुंधरा को सीएम बनाने पर यह संभव नहीं हो सकेगा. .

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