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Raja Bhaiya: अखिलेश यादव और राजा भैया में कैसे हुई दुश्मनी, जानें 2018 में क्या हुआ?

Raja Bhaiya and Akhilesh Yadav: राजा भैया और अखिलेश यादव की दुश्मनी 2018 में शुरू हुई. तब राजा भैया ने बसपा के राज्यसभा उमीदवार के लिए वोट नहीं किया था. 

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Raja Bhaiya: अखिलेश यादव और राजा भैया में कैसे हुई दुश्मनी, जानें 2018 में क्या हुआ?

नई दिल्ली: Raja Bhaiya and Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव दिलचस्प बनता जा रहा है. 10 राज्यसभा सीटों के लिए 11 प्रत्याशी मैदान में हैं. पहले माना जा रहा था कि BJP सात सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. लेकिन फिर संजय सेठ को आठवां प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने सपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अब सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने सियासी दुश्मन राजा भैया से मदद मांगी है. 

दरअसल, RLD का साथ छोड़ने के बाद सपा के तीसरे उम्मीदवार की जीत पर संशय के बादल छाने लगाए हैं. यही कारण है कि अखिलेश यादव ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को अपने दूत के तौर पर जनसत्ता दल के प्रमुख राजा भैया के पास भेजा. जनसता दल के दो विधायक हैं, एक राजा भैया और दूसरे विनोद सोनकर. सपा चाहती है कि जनसत्ता दल राज्यसभा चुनाव में उनका साथ दे. 

क्या बोले राजा भैया?
जनसत्ता दल के प्रमुख राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंज ने कहा है कि अब तक मेरा 28 सालों का राजनीतिक जीवन रहा है, इसमें से 20 साल मैंने समाजवादी पार्टी को दिए हैं. मेरे लिए समाजवादी पार्टी पहले है. मेरे लिए यह महज राजनीतिक दल नहीं है. 

2018 का राज्यसभा चुनाव
करीब 6 साल 2018 के राज्यसभा चुनाव में राजा भैया और अखिलेश यादव की सियासी दुश्मनी शुरू हुई. 2018 के राज्यसभा चुनाव में सपा ने जया बच्चन को प्रत्याशी बनाया, जबकि बसपा ने भीमराव अंबेडकर को टिकट दिया. उस दौरान अखिलेश यादव ने बसपा के साथ गठबंधन धर्म निभाने के लिए उनके प्रत्याशी को समर्थन दिया था. अखिलेश ने एक मीटिंग बुलाई, जिसमें बसपा के उम्मीदवार को जिताने जे लिए वोट जुटा रहे थे. इस मीटिंग में राजा भैया भी थे. 

राजा भैया ने कर दी थी क्रॉस वोटिंग
अखिलेश यादव ने राजा भैया को BSP के समर्थन में वोट देने के लिए कहा. लेकिन मायावती के शासन के दौरान राजा भैया और उनके पिता पर कई मुकदमे हुए और उन्हें जेल भी काटनी पड़ी थी. ऐसे में राजा भैया बसपा को समर्थन नहीं देना चाहते थे. हालांकि, अखिलेश के समझाने के बाद वह मान गए. लेकिन जब चुनाव हुए तो राजा भैया ने BSP उम्मीदवार को वोट न करके BJP को वोट दे दिया. बसपा प्रत्याशी की हार हुई. मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव में अनुभव की कमी है और वह राजा भैया के जाल में फंस गए. इसके बाद बीते विधानसभा चुनाव में सपा ने राजा भैया के सामने अपना प्रत्याशी भी उतारा. इसके बाद अखिलेश ने प्रतापगढ़ में पहुंचकर राजा भैया को पहचानने से इनकार करते हुए पूछा था कौन राजा भैया.  

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