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कुंडली के इस भाव में मौजूद शनि व्यक्ति को बनाता है अमीर, जानें कौन सा भाव है सबसे शुभ

वैदिक ज्योतिष में शनि का विशेष स्थान है. जन्म कुण्डली में शनि की स्थिति कमजोर हो तो वर्तमान कार्य की प्रगति में देरी होती है. व्यक्ति को उसकी मेहनत का फल भी नहीं मिलता और धीरे-धीरे वह बुरी आदतों में फंस जाता है. अक्सर व्यक्ति को आर्थिक हानि के साथ-साथ सम्मान की हानि का भी सामना करना पड़ता है.

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कुंडली के इस भाव में मौजूद शनि व्यक्ति को बनाता है अमीर, जानें कौन सा भाव है सबसे शुभ

वैदिक ज्योतिष में शनि का विशेष स्थान है. जन्म कुण्डली में शनि की स्थिति कमजोर हो तो वर्तमान कार्य की प्रगति में देरी होती है. व्यक्ति को उसकी मेहनत का फल भी नहीं मिलता और धीरे-धीरे वह बुरी आदतों में फंस जाता है. अक्सर व्यक्ति को आर्थिक हानि के साथ-साथ सम्मान की हानि का भी सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं जन्म कुंडली में शनि की विभिन्न स्थितियों का व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है.

प्रथम भाव में शनि
जन्म कुण्डली के प्रथम भाव में शनि मिश्रित फल देता है. यदि आप कड़ी मेहनत करते हैं, तो इससे आपको सुख और धन की प्राप्ति होगी. आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे.

दूसरे भाव में शनि
यदि जातक की जन्म कुंडली के दूसरे भाव में शनि स्थित हैं तो वह मृदुभाषी और कभी-कभी कठोर वक्ता बनता है. इसके चलते आपको अपने परिवार से दूर रहना पड़ सकता है. ये लोग धन कमाने के लिए विदेशों में जाते हैं.

तीसरे भाव में शनि
आपकी जन्म कुंडली के तीसरे भाव में शनि की उपस्थिति आपको न्यायप्रिय, प्रामाणिक और बुद्धिमान बनाती है. ये लोग सभी के साथ मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंध साझा करते हैं. इनको अत्यधिक प्रसिद्धि और सफलता प्राप्त होती है.

चतुर्थ भाव में शनि
चतुर्थ भाव में शनि की उपस्थिति आपको शांत और उदार बनाती है. आप दूसरों की मदद करने में विश्वास रखते हैं. आर्थिक जीवन में आपको मिलेजुले परिणाम की प्राप्ति होते हैं. हालांकि विदेश में काम करते हुए आपको बड़ी सफलता मिल सकती है.

पंचम भाव में शनि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म कुण्डली के पंचम भाव में शनि होने पर व्यक्ति रहस्यमयी व्यक्तित्व को प्राप्त करता है . यह जातक न तो अपनी भावनाओं को किसी के साथ साझा करते हैं और न ही दूसरों के मामलों में शामिल होते हैं. इनका झुकाव अध्यात्म और धर्म की ओर अधिक होता है.

छठे भाव में शनि
छठे भाव में शनि हो तो जातक अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है. ऐसे लोग बहुत वीर और पराक्रमी होते हैं. इन्हें कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है.

सप्तम भाव में शनि
यदि सप्तम भाव में शनि हो तो जातक व्यवसाय में बड़ी सफलता प्राप्त करते हैं. ये सुखी वैवाहिक जीवन का भी आनंद लेते हैं. शनि अष्टम भाव में हो तो व्यक्ति लंबी आयु प्राप्त करता है.

आठवें भाव में शनि
अष्टम भाव  में शनि की उपस्थिति से किसी भी कार्य में सफलता मिलना मुश्किल हो जाता है. इन लोगों को अक्सर जीवन में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

नवम भाव में शनि
जन्म कुंडली के नवम भाव में शनि की उपस्थिति मिश्रित फल देती है. ये लोग दयालु, परोपकारी और विचारशील होते हैं. ये हमेशा दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं.

दशम भाव में शनि
दशम भाव में शनि की उपस्थिति जातक को धनवान और धार्मिक बनाती है. नौकरी में भी ये उच्च पद की प्राप्ति करते हैं.

ग्यारहवें घर में शनि
एकादश भाव में शनि की उपस्थिति व्यक्ति को लंबी आयु, धन और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करती है. उसे सभी सुखों की प्राप्ति होती है.

बारहवें भाव में शनि की उपस्थिति
बारहवें भाव में शनि की उपस्थिति व्यक्ति को अशांत मन और कई मुश्किलें देती है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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