trendingNow1zeeHindustan1372935
Hindi news >> Zee Hindustan>> Zee Hindustan Astrology

Navratri 2022: साल में चार बार मनाई जाती है नवरात्रि, जानें गुप्त नवरात्रि का महत्व

Navratri 2022: ज्यादातर लोग यही जानते हैं कि एक साल में दो बार नवरात्रि आती है, लेकिन नवरात्रि साल में चार बार पड़ती है. इसमें से दो को गुप्त नवरात्रि भी कहा जाता है. आइए जानते हैं इनके बारे में...

Advertisement
Navratri 2022: साल में चार बार मनाई जाती है नवरात्रि, जानें गुप्त नवरात्रि का महत्व

नई दिल्ली. हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार को बेहद खास माना जाता है. चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है. लेकिन क्या आपको पता है कि नवरात्रि साल में दो नहीं ब्लिक चार बरा मनाई जाती है. जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि होती है. चार नवरात्रियों का नाम हिंदू ऋतुओं और महीनों- माघ नवरात्रि (शीतकालीन), चैत्र नवरात्रि (वसंत), आषाढ़ नवरात्रि (मानसून), और शरद नवरात्रि (शारदीय) के नाम पर रखा गया है.

चैत्र नवरात्रि
वसंत ऋतु का अंत और गर्मियों की शुरुआत चैत्र नवरात्रि के साथ होती है. चैत्र मास में होने के कारण इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है. साल की पहली नवरात्रि के दौरान, भक्त देवी शक्ति के नौ रूपों- दुर्गा, शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं.

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस समय देवी दुर्गा अपने मायके जाने और अपने भक्तों के साथ समय बिताने के लिए स्वर्ग से उतरी थीं. उत्सव पहले दिन प्रतिपदा से शुरू होता है और चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी तक चलता है. चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि या राम नवमी भी कहा जाता है.

आषाढ़ नवरात्रि
साल की दूसरी नवरात्रि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष के दौरान मनाई जाती है. यह त्योहार जून-जुलाई के आसपास पड़ता है. इसे गुप्त नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. इस नवरात्रि के दौरान 9 दिनों में तंत्र साधना कर देवी को प्रसन्न किया जाता है.

शरदीय नवरात्रि
यह साल की तीसरी और सबसे प्रसिद्ध नवरात्रि होती है. इसे आश्विन मास के शुक्ल पक्ष से नवमी तिथि तक मनाया जाता है. यह सितंबर या अक्टूबर के महीने में पड़ता है, जो सर्दियों की शुरुआत का प्रतीक है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की नौ दिनों तक पूजा की जाती है.

माघ नवरात्रि
यह नवरात्रि शुक्ल पक्ष के पौष मास (दिसंबर-जनवरी) में मनाई जाती है. इसे भी गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. इस दौरान गुप्त सिद्धियां पाने के लिए विषेश साधना की जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

यह भी पढ़िए- Palmistry: अगर आपके हाथ में है ये निशान, तो आप हैं बेहद भाग्यशाली

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

Read More
googletag.cmd.push(function() { googletag.display(interstitialSlot)})